PM मोदी ने 'मन की बात' में अटल बिहारी वाजपेयी को इस तरह किया याद
प्रधानमंत्री ने कहा कि 16 अगस्त को जैसे ही देश और दुनिया ने अटल जी के निधन का समाचार सुना, हर कोई शोक में डूब गया।
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि स्वस्थ, उत्तम लोकतंत्र के लिए अच्छी परम्पराएं विकसित करने एवं लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास करने एवं चर्चाओं को खुले मन से आगे बढ़ाने में अटल जी का योगदान अविस्मरणीय है।
आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 16 अगस्त को जैसे ही देश और दुनिया ने अटल जी के निधन का समाचार सुना, हर कोई शोक में डूब गया। एक ऐसे राष्ट्र नेता जिन्होंने 14 वर्ष पहले प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था, 10 वर्ष से वे सक्रिय राजनीति से काफ़ी दूर चले गए थे और ख़बरों और सार्वजनिक रूप से नज़र नहीं आते थे, लेकिन 16 अगस्त के बाद देश और दुनिया ने देखा कि हिन्दुस्तान के सामान्य मानव के मन में इस दस साल के कालखंड ने एक पल का भी अंतराल नहीं होने दिया।
उन्होंने कहा कि लोगों ने उन्हें उत्तम सांसद, संवेदनशील लेखक, श्रेष्ठ वक्ता, लोकप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में याद किया है और करते हैं। मोदी ने कहा कि अटल जी ने भारत को प्रदान की गई राजनीतिक संस्कृति और इसमें बदलाव लाने का प्रयास किया। इसके कारण भारत को बहुत लाभ हुआ है और आगे आने वाले दिनों में बहुत लाभ होने वाला है। ये भी पक्का है। भारत हमेशा 91वें संशोधन अधिनियम 2003 के लिए अटल जी का कृतज्ञ रहेगा। प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में अटल सरकार के समय में राज्यों में मंत्रिमंडल का आकार कुल विधानसभा सीटों का 15 प्रतिशत तक सीमित करने और दल बदल विरोधी कानून की सीमा को एक तिहाई से बढ़ाकर दो तिहाई करने के निर्णय का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि उस समय दल-बदल करने वालों को अयोग्य ठहराने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश भी निर्धारित किए गए थे। मोदी ने कहा कि कई वर्षों तक भारत में भारी भरकम मंत्रिमंडल कार्य के बंटवारे के लिए नहीं बल्कि नेताओं को खुश करने के लिए बनाए जाते थे। अटल जी ने इसे बदल दिया। उन्होंने कहा कि इस कदम से पैसों और संसाधनों की बचत हुई। इसके साथ ही कार्यक्षमता में भी बढ़ोतरी हुई। यह अटल जी जैसे दीर्घदृष्टा ही थे, जिन्होंने स्थिति को बदला और हमारी राजनीतिक संस्कृति में स्वस्थ परम्पराएं पनपी।
मोदी ने कहा कि उनके कार्यकाल में ही बजट पेश करने के समय में परिवर्तन हुआ। पहले अंग्रेजों की परम्परा के अनुसार शाम को 5 बजे बजट प्रस्तुत किया जाता था क्योंकि उस समय लन्दन में पार्लियामेंट शुरू होने का समय होता था। वर्ष 2001 में अटल जी ने बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया। उन्होंने कहा कि अटल जी के कार्यकाल में ही भारतीय ध्वज संहिता बनायी गयी और 2002 में इसे अधिकारिक कर दिया गया। इस कोड में कई ऐसे नियम बनाए गए हैं, जिससे सार्वजनिक स्थलों पर तिरंगा फहराना संभव हुआ। इसी के चलते अधिक से अधिक भारतीयों को अपना राष्ट्रध्वज फहराने का अवसर मिल पाया।
प्रधानमंत्री ने अटल सरकार के दौरान चुनाव प्रक्रिया और जन प्रतिनिधियों से संबंधित बुनियादी सुधार का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आजकल आप देख रहे हैं कि देश में एक साथ केंद्र और राज्यों के चुनाव कराने के विषय में चर्चा आगे बढ़ रही है। इस विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में लोग अपनी-अपनी बात रख रहे हैं। ये अच्छी बात है और लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत भी है ।