उपसभापति के राष्ट्रपति को लिखे पत्र को जरूर पढ़ें देशवासी, पीएम मोदी ने चिट्ठी शेयर करते हुए किया आग्रह
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे और फिर उनके निलंबन को लेकर विपक्ष की आलोचना झेल रहे उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जो पत्र लिखा है
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे और फिर उनके निलंबन को लेकर विपक्ष की आलोचना झेल रहे उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जो पत्र लिखा है उस पत्र को सभी देशवासियों को पढ़ना चाहिए , ऐसी अपील प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नागरिकों से की है। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखे गए पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा, "माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें।"
राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में उपसभापति हरिवंश ने अपने अंतर्मुखी स्वभाव और भावुकता के साथ ही उन्होंने गांधी, जेपी और कर्पूरी ठाकुर का जिक्र किया है। हरिवंश ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि सांसदों के व्यवहार से वे इतने ज्यादा दुखी हैं कि रातभर सो नहीं पाए।
सांसदों के व्यवहार से दुखी हरिवंश ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी, एक दिन का रखेंगे उपवास
नई दिल्ली: राज्यसभा में कृषि बिल के पारित होने के दौरान सांसदों के अनियंत्रित व्यवहार दुखी राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है। इतना ही नहीं हरिवंश सांसदों के व्यवहार से इतने ज्यादा दुखी हैं कि उन्होंने एक दिन का उपवास रखने का फैसला लिया है।
राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में उपसभापति हरिवंश ने अपने अंतर्मुखी स्वभाव और भावुकता के साथ ही उन्होंने गांधी, जेपी और कर्पूरी ठाकुर का जिक्र किया है। हरिवंश ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि सांसदों के व्यवहार से वे इतने ज्यादा दुखी हैं कि रातभर सो नहीं पाए।
रविवार को सदन में हुए हंगामे का जिक्र किया और कहा, ‘‘ सदस्यों द्वारा लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार किया गया। आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश हुयी। उच्च सदन की हर मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ायी गयीं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘20 सितंबर को राज्यसभा में जो कुछ भी हुआ, उससे पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा, आत्मतनाव और मानसिक वेदना में हूं। पूरी रात सो नहीं पाया।’’
हरिवंश ने कहा कि 20 सितंबर को उच्च सदन में जो दृष्य उत्पन्न हुआ, उससे सदन और आसन की मर्यादा को अकल्पनीय क्षति हुयी है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है, ‘‘मेरा यह उपवास इसी भावना से प्रेरित है। बिहार की धरती पर पैदा हुए राष्ट्रकवि दिनकर दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे। कल 23 सितंबर को उनकी जन्मतिथि है। आज यानी 22 सितंबर की सुबह से कल 23 सितंबर की सुबह तक मैं 24 घंटे का उपवास कर रहा हूं।’’
उन्होंने कहा है कि ‘कामकाज प्रभावित ना हो, इसलिए मैं उपवास के दौरान भी राज्यसभा के कामकाज में नियमित और सामान्य रूप से भाग लूंगा।’ उल्लेखनीय है कि रविवार को सदन में हुए हंगामे को लेकर विपक्ष के आठ सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित कर दिया गया था। निलंबित किए गए सदस्यों में कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम व आप के संजय सिंह शामिल हैं।
उधर, राज्यसभा में कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में विपक्ष के आठ सांसदों के निलंबन को तत्काल रद्द करने की मांग की है और ऐसा नहीं करने पर उन्होंने शेष मानसून सत्र का बहिष्कार करने की धमकी दी है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, "जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, जिसमें आठ सांसदों के निलंबन को रद्द करना और सरकार का एक और विधेयक लाना शामिल है, जिसके तहत कोई भी निजी कंपनी एमएसपी से नीचे की खरीद नहीं कर सकती है, विपक्ष सत्र का बहिष्कार करना जारी रखेगा।"