करूर (तमिलनाडु): द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘कंगारू कोर्ट’’ लगाकर सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के दो परस्पर विरोधी धड़ों को एकजुट किया। उन्होंने कहा कि यह एक ‘‘राजनीतिक सौदेबाज’’ के तहत निभाई गई भूमिका थी।
स्टालिन ने यहां बृहस्पतिवार की रात को पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाया। उन्होंने द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन को ‘‘अवसरवादी’’ बताए जाने के लिए मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस तरह के बयान इसलिए दे रहे है क्योंकि उन्हें तीन राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार से ‘‘झटका’’ लगा था। उन्होंने कहा,‘‘मैं यह पूछ रहा हूं कि क्या प्रधानमंत्री को कंगारू कोर्ट लगानी चाहिए? क्या यह कार्य भारत के प्रधानमंत्री द्वारा किया जाना चाहिए, यह कुछ ऐसा है जो एक राजनीतिक सौदेबाज द्वारा किया जाना चाहिए।’’
स्टालिन ने 2016 में पार्टी की प्रमुख जे.जयललिता की मृत्यु के बाद अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले धड़ों में ‘‘बांटने’’ के लिए मोदी पर आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद मोदी ने दोनों नेताओं को बातचीत की मेज पर एक साथ बैठाया और यह एक तरह से कंगारू कोर्ट आयोजित किए जाने के समान था।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में आए चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए द्रमुक प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस ने उन राज्यों में जीत दर्ज की जिन्हें भाजपा का गढ़ समझा जाता था और यह मोदी के लिए एक झटका था। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के हाल के परिणामों से पता चलता है कि केन्द्र में मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार सत्ता से बाहर होगी और तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक का भी यही हाल होने वाला है।
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