सामाजिक जीवन के अनुभव के कारण सुगमता से लोकसभा का संचालन करेंगे बिरला: मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिरला को अध्यक्ष के नाते सभी को अनुशासित और अनुप्रेरित करने तथा सत्तापक्ष को भी नियमों की अवहेलना पर टोकने का अधिकार होगा।
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि वह वर्षों के अपनी सामाजिक संवेदना भरे जीवन के कारण सदन का सुगमता से संचालन कर पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिरला को अध्यक्ष के नाते सभी को अनुशासित और अनुप्रेरित करने तथा सत्तापक्ष को भी नियमों की अवहेलना पर टोकने का अधिकार होगा। प्रधानमंत्री ने उन्हें विश्वास दिलाया कि सरकार उनके कामकाज को सरल बनाने में शत-प्रतिशत योगदान देगी।
सदन में बुधवार को ध्वनिमत से राजस्थान के कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए बिरला के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन के बाद मोदी ने भाजपा के संगठन में साथ में काम करने के दिनों को याद करते हुए कहा कि बिरला छात्र राजनीति से यहां तक पहुंचे हैं और उन्होंने जन आंदोलन से ज्यादा ध्यान जनसेवा पर केंद्रित रखा है। उन्होंने राजस्थान विधानसभा में सक्रिय भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बिरला सार्वजनिक जीवन में विद्यार्थी काल में छात्र संगठनों से जुड़ते हुए जीवन के सर्वाधिक उत्तम समय में किसी भी विराम के बिना समाज की किसी न किसी गतिविधि से जुड़े रहे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपको इस पद पर आसीन होते हुए देखना अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय है।’’
उन्होंने कहा कि बिरला की कार्यशैली समाज केंद्रित रही है। उन्होंने गुजरात के कच्छ में भूकंप के समय और केदारनाथ की आपदा के समय अपनी टीम के साथ उपलब्ध सीमित व्यवस्थाओं में लंबे समय तक सेवा कार्य किया।
मोदी ने कहा कि बिरला अपने संसदीय क्षेत्र कोटा में भी ठंड में रात भर गलियों में निकलकर असहायों को कंबल आदि बांटते हैं। वह ‘प्रसादम’ संस्था के माध्यम से भूखों को भोजन और ‘परिधान’ के माध्यम से जनभागीदारी से जरूरतमंद लोगों को कपड़े, जूते मुहैया कराते हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संगठन के दिनों को याद करते हुए कहा कि बिरला ने एक समय संकल्प लिया था कि कोटा में कोई भूखा नहीं सोएगा और वह इस संकल्प को आज भी ‘प्रसादम’ के माध्यम से निभा रहे हैं जिसमें खोज-खोजकर जरूरतमंदों को खाना परोसा जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘बिरला ने जन आंदोलन से ज्यादा जनसेवा पर ध्यान दिया। हमें विश्वास है कि वह हम सभी को अनुशासित भी करेंगे, अनुप्रेरित भी करेंगे। हमें विश्वास है कि वह सालों की सामाजिक संवेदना के जीवन के कारण सदन के संचालन का सुगमता से काम कर पाएंगे।’’ मोदी ने कहा कि बिरला के व्यक्तित्व की एक विशेषता है कि वह हल्के से मुस्कराते हैं और हल्के से बोलते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे देखते हुए मुझे कभी कभी डर लगता है कि उनकी नम्रता और विवेक का कोई दुरुपयोग न कर दे।’’
उन्होंने कहा कि मैं सरकार की ओर से अध्यक्ष को विश्वास दिलाता हूं कि उनके काम को सरल करने में अपनी शत-प्रतिशत भूमिका निभाएंगे। मोदी ने कहा कि बिरला राजस्थान के कोटा से आते हैं जो आज कोचिंग संस्थानों के कारण शिक्षा का काशी बन गया है। राजस्थान का यह छोटा सा शहर लघु भारत बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह परिवर्तन जिसके योगदान और जिसकी पहल से हुआ, वह नाम है ओम बिरला।’’
मोदी ने कहा कि राजनीतिक जीवन में हमारी छवि 24 घंटे तूतू-मैंमैं और हार जीत की होती है लेकिन एक सचाई कभी उजागर नहीं होती कि राजनीतिक जीवन में जितनी सामाजिक सहभागिता होगी समाज उतना स्वीकार करेगा। केवल और केवल राजनीति करने (हार्डकोर पॉलिटिक्स) का समय अब जा रहा है।
इस मौके पर मोदी ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के पांच साल के कार्यकाल को भी याद किया और कहा कि वह हमेशा हंसते हुए काम करती थीं और सदस्यों को डांटने के बाद भी हंसती थीं। उन्होंने कहा कि महाजन ने उत्तम तरीके से सदन के संचालन की नयी परंपरा विकसित की।