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Hindi News भारत राजनीति ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर बनेगी समिति, पीएम मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में लिया गया फैसला

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर बनेगी समिति, पीएम मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में लिया गया फैसला

राष्ट्रीय अध्यक्षों की आज बुलाई बैठक में शामिल होने से टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने इनकार कर दिया है। उन्होंने इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री को एक जवाबी चिट्ठी भेज दी है।

PM Modi - India TV Hindi Image Source : PTI PM Modi 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद भवन में सभी दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों की एक अहम बैठक हुई। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर विचार करने लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक समिति गठित करेंगे जो निश्चित समय-सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी। सर्वदलीय बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर एक समिति गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह समिति निश्चित समय-सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी।

पीएम के द्वारा बुलाई गई मीटिंग में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा-बसपा और RJD के नेता शामिल नही हुए। पीएम मोदी इस बैठक में एक देश, एक चुनाव के मुद्दे के साथ ही महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़े कार्यक्रमों को लेकर चर्चा हुई। इसके अलावा कुछ और अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई।  जोशी के मुताबिक, पीएम मोदी सदन में एक टीम स्पिरिट की भावना लाना चाहते हैं इसलिए उन्होंने 20 जून को सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की बैठक बुलाई है। इस बीच राष्ट्रीय अध्यक्षों की आज बुलाई बैठक में शामिल होने से टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने इनकार कर दिया है। उन्होंने इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री को एक जवाबी चिट्ठी भेज दी है।

उन्होंने इस संबंध में जोशी को मंगलवार को पत्र लिखकर सरकार को सलाह दी कि वह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर ‘‘जल्दबाजी’’ में फैसला करने के बजाए इस पर एक श्वेत पत्र तैयार करे। बनर्जी ने पत्र में लिखा, ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ जैसे संवेदनशील एवं गंभीर विषय पर इतने कम समय में जवाब देने से इस विषय के साथ न्याय नहीं होगा। इस विषय को संवैधानिक विशेषज्ञों, चुनावी विशेषज्ञों और पार्टी सदस्यों के साथ विचार-विमर्श की आवश्यकता है।’’

ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि वह और उनका दल 2022 में आजादी के 75 वर्ष पूरे होने और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष समारोहों में बढ़-चढ़ कर भाग लेंगे, लेकिन संसद की उत्पादकता में सुधार के तरीकों का मामला निचले सदन का है और संबंधित मंत्रालय को इससे निपटना चाहिए। बनर्जी पिछले सप्ताह नीति आयोग की बैठक में भी शामिल नहीं हुई थीं।

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