विश्वभारती विश्वविद्यालय में पीएम मोदी, शताब्दी समारोह को किया संबोधित
पीएम मोदी का यह संबोधन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से संपन्न हुआ।
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित किया। पीएम मोदी का यह संबोधन वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिए हो रहा है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के दौरान उपस्थित रहे। विश्वभारती देश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है और इसकी स्थापना रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1921 में की थी। वर्ष 1951 में विश्व भारती को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था और उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में शुमार किया गया था।
पीएम मोदी का भाषण
Live updates : pm modi Visva Bharati University live updates
- December 24, 2020 11:26 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है। आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है। ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है: PM
- December 24, 2020 11:25 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
उनका विजन था कि जो भारत में सर्वश्रेष्ठ है, उससे विश्व को लाभ हो और जो दुनिया में अच्छा है, भारत उससे भी सीखे। आपके विश्वविद्यालय का नाम ही देखिए: विश्व-भारती। मां भारती और विश्व के साथ समन्वय: PM
- December 24, 2020 11:25 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद के चिंतन में भी मुखर थी। और ये धारा अंतर्मुखी नहीं थी। वो भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग रखने वाली नहीं थी: PM
- December 24, 2020 11:25 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
सैकड़ों वर्षों के कालखंड में चले ये आंदोलन त्याग, तपस्या और तर्पण की अनूठी मिसाल बन गए थे। इन आंदोलनों से प्रभावित होकर हज़ारों लोग आजादी की लड़ाई में बलिदान देने के लिए आगे आए: PM
- December 24, 2020 11:24 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
इन शिक्षण संस्थाओं ने भारत की आज़ादी के लिए चल रहे वैचारिक आंदोलन को नई ऊर्जा दी, नई दिशा दी, नई ऊंचाई दी। भक्ति आंदोलन से हम एकजुट हुए, ज्ञान आंदोलन ने बौद्धिक मज़बूती दी और कर्म आंदोलन ने हमें अपने हक के लिए लड़ाई का हौसला और साहस दिया: PM
- December 24, 2020 11:24 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
समय की मांग थी कि ज्ञान के अधिष्ठान पर आजादी की जंग जीतने के लिए वैचारिक आंदोलन भी खड़ा किया जाए और साथ ही उज्ज्वल भावी भारत के निर्माण के लिए नई पीढ़ी को तैयार भी किया जाए। और इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई, कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों ने, विश्वविद्यालयों ने: PM
- December 24, 2020 11:24 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
जब भक्ति और कर्म की धाराएं पुरबहार थी तो उसके साथ-साथ ज्ञान की सरिता का ये नूतन त्रिवेणी संगम, आजादी के आंदोलन की चेतना बन गया था। आजादी की ललक में भाव भक्ति की प्रेरणा भरपूर थी: PM
- December 24, 2020 11:21 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
अन्याय और शोषण के विरुद्ध सामान्य नागरिकों के तप-त्याग और तर्पण की कर्म-कठोर साधना अपने चरम पर थी। ये भविष्य में हमारे स्वतंत्रता संग्राम की बहुत बड़ी प्रेरणा बनी: PM
- December 24, 2020 11:21 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
भक्ति आंदोलन के सैकड़ों वर्षों के कालखंड के साथ-साथ देश में कर्म आंदोलन भी चला। भारत के लोग गुलामी और साम्राज्यवाद से लड़ रहे थे। चाहे वो छत्रपति शिवाजी हों, महाराणा प्रताप हों, रानी लक्ष्मीबाई हों, कित्तूर की रानी चेनम्मा हों, भगवान बिरसा मुंडा का सशस्त्र संग्राम हो: PM
- December 24, 2020 11:21 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
उन्होंने भक्ति का दायरा बढ़ाते हुए हर व्यक्ति में दिव्यता को देखना शुरु किया। उन्होंने व्यक्ति और संस्थान के निर्माण पर बल देते हुए कर्म को भी अभिव्यक्ति दी, प्रेरणा दी: PM
- December 24, 2020 11:20 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
भक्ति का ये विषय तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक महान काली भक्त श्रीरामकृष्ण परमहंस की चर्चा ना हो। वो महान संत, जिनके कारण भारत को स्वामी विवेकानंद मिले। स्वामी विवेकानंद भक्ति, ज्ञान और कर्म, तीनों को अपने में समाए हुए थे: PM
- December 24, 2020 11:19 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
भक्ति आंदोलन वो डोर थी जिसने सदियों से संघर्षरत भारत को सामूहिक चेतना और आत्मविश्वास से भर दिया: PM
- December 24, 2020 11:17 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
भक्ति युग में, हिंदुस्तान के हर क्षेत्र, हर इलाके, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में हमारे संतों ने, महंतों ने, आचार्यों ने देश की चेतना को जागृत रखने का प्रयास किया: PM
- December 24, 2020 11:17 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
जब हम स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हैं तो हमारे मन में सीधे 19-20वीं सदी का विचार आता है। लेकिन ये भी एक तथ्य है कि इन आंदोलनों की नींव बहुत पहले रखी गई थी। भारत की आजादी के आंदोलन को सदियों पहले से चले आ रहे अनेक आंदोलनों से ऊर्जा मिली थी: PM
- December 24, 2020 11:16 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
विश्वभारती की सौ वर्ष यात्रा बहुत विशेष है। विश्वभारती, माँ भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार है। भारत के लिए गुरुदेव ने जो स्वप्न देखा था, उस स्वप्न को मूर्त रूप देने के लिए देश को निरंतर ऊर्जा देने वाला ये एक तरह से आराध्य स्थल है: PM
- December 24, 2020 11:16 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
भारत के लिए गुरुदेव ने जो स्वप्न देखा था उसे मूर्त रूप देने के लिए देश को निरंतर ऊर्जा देने वाला यह एक तरह से आराध्य स्थल है, अनेकों विश्व प्रतिष्ठित गीतकार संगीतकार कलाकार साहित्यकार अर्थशास्त्री, वैज्ञानिक और समाज सास्त्री दिए हैं।- पीएम मोदी
- December 24, 2020 11:15 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
2015 में जिस योग विभाग को शुरू किया था उसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। प्रकृति के साथ मिलकर अध्ययन और जीवन का साक्षात उदाहरण यह विश्वविद्यालय परिसर है। - पीएम मोदी
- December 24, 2020 11:15 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
हमारा देश विश्व भारती से निकले संदेश को पूरे विश्व तक पुहंचा रहा है। भारत आज इंटरनेशनल सोलर एलांयस के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के विषय में विश्व के अंदर एक बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। भारत पूरे विश्व में एकलौता बड़ा देश है जो पेरिस समझौते को लागू करने में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। - पीएम मोदी