संसद के सुचारु संचालन की प्रधानमंत्री की अपील
नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में संसद सत्र के सुचारु संचालन की अपील की। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर
नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में संसद सत्र के सुचारु संचालन की अपील की। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करना राष्ट्र के हित में है। कांग्रेस ने भी कहा कि वह जीएसटी पर खुले दिमाग से विचार करने के लिए तैयार है। बैठक के बाद संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि मोदी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली से जीएसटी पर सहमति बनाने के लिए सभी दलों से बात करने के लिए कहा है।
नायडू ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि जीएसटी विधेयक राष्ट्र हित में है।" मोदी ने कहा कि सभी दलों के लिए यह जरूरी है कि वे संसद के सुचारु संचालन के लिए मिलकर काम करें और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करें। संसद के सुचारु संचालन की यही अपील बुधवार शाम को प्रधानमंत्री ने राजग की बैठक में की। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है।
कांग्रेस ने कहा है कि वह जीएसटी पर खुले मन से विचार के लिए तैयार है। पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, "हमारे लिए सभी विधेयक महत्वपूर्ण है। जहां तक जीएसटी की बात है तो हम साफ कर देना चाहते हैं कि यह हमारा विधेयक है..हम चर्चा के लिए तैयार हैं। हमारी कुछ वाजिब चिंताएं हैं जिनका निराकरण होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "(शीतकालीन सत्र में) विपक्ष असहिष्णुता, महंगाई, किसानों की समस्या, सूखे की स्थिति, सांप्रदायिक तनाव जैसे मुद्दों पर भी चर्चा चाहता है।" आजाद ने कहा, "हम महिला सुरक्षा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बाल श्रम और ललित मोदी के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा करेंगे।"
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी जीएसटी विधेयक में कराधान पर एक सीमा चाहती है। गांधी ने बेंगलुरू में कहा, "हम जीएसटी विधेयक को जरूरी मानते हैं। इसके मौजूदा रूप में कुछ बदलाव चाहते हैं। हम कराधान की एक ऊपरी सीमा चाहते हैं।"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा कि असहिष्णुता व सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के खिलाफ उनके प्रस्ताव को राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया है।
संसद परिसर में सर्वदलीय बैठक के बाद येचुरी ने कहा, "देश में बढ़ रही असहिष्णुता की निंदा के लिए सदन को एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए। हम केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वह भड़काऊ भाषणों और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को रोकने के लिए कानून सम्मत कार्रवाई करे।"
वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम पर माकपा नेता ने कहा कि संसद में सरकार द्वारा इसे पारित करने के पहले सभी राज्यों की सरकारों को विश्वास में लिया जाना चाहिए।
वाम नेता ने कहा, "हम शीतकालीन सत्र के दौरान मूल्य वृद्धि, दाल की बढ़ती कीमतें, स्वच्छ भारत से संबंधित मुद्दे, तेल की कीमतें, औद्योगिक उत्पादन में कमी, कृषि से संबंधित मुद्दे तथा किसानों की खुदकुशी के मुद्दों को उठाएंगे। देश में सामाजिक न्याय के लिए हमने एक नए कानून का भी प्रस्ताव किया है।"
जनता दल (युनाइटेड) नेता शरद यादव ने कहा कि वह नेपाल-भारत संबंध के मुद्दे को उठाएंगे। जीएसटी चूंकि संविधान संशोधन विधेयक है, इसलिए कानून बनने से पहले इसे संसद के दोनों सदनों से दो-तिहाई बहुमत से पारित कराना होगा और उसके बाद देश के आधे राज्यों की विधानसभाओं से भी पारित कराना होगा। अभी यह राज्यसभा में लंबित है, जहां सत्ता पक्ष अल्पमत में है।