फोन कॉल विवाद: पटना में लालू यादव पर FIR दर्ज, रांची में बंगले से शिफ्ट किए गए अस्पताल
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। जेल से पीरपैंती से बीजेपी विधायक ललन पासवान को कथित तौर पर फोन करके मंत्री पद का लालच देने के मामले में उनके खिलाफ पटना में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
रांची: राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। जेल से पीरपैंती से बीजेपी विधायक ललन पासवान को कथित तौर पर फोन करके मंत्री पद का लालच देने के मामले में उनके खिलाफ पटना में एफआईआर दर्ज कराई गई है। ये एफआईआर उन्हीं बीजेपी विधायक ललन पासवान ने दर्ज कराई है जिन्हें कथित तौर पर लालू ने फोन किया था। एफआईआर में लालू प्रसाद यादव पर भ्रष्टाचार और घूस देने के आरोप लगाए हैं। इसके बाद चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो को रांची में रिम्स के निदेशक के बंगले से वापस अस्पताल के पेइंग वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है।
राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के अतिरिक्त निदेशक एवं झारखंड के संयुक्त स्वास्थ्य सचिव डॉ. वाघमारे कृष्ण प्रसाद ने बताया, “लालू प्रसाद यादव को आज रिम्स निदेशक के बंगले से वापस पेइंग वार्ड के कमरा नंबर ए-11 में स्थानांतरित कर दिया गया।” उन्होंने बताया कि लालू प्रसाद को आज शाम लगभग चार बजे पेइंग वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया।
लालू अगस्त के प्रथम सप्ताह में रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित किये गये थे। उस समय रिम्स प्रशासन ने कहा था कि रिम्स के पेइंग वार्ड में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से निदेशक बंगले में स्थानांतरित किया गया था। वाघमारे ने बताया कि रिम्स प्रशासन ने पेइंग वार्ड में लालू के इलाज के लिए उचित व्यवस्था को देखते हुए वापस वहां भेजने का निर्णय लिया गया।
दूसरी ओर बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने दावा किया कि बीजेपी द्वारा लालू यादव और राजद के द्वारा किये जा रहे गैरकानूनी कार्यों को उजागर किये जाने से दबाव में आयी हेमंत सोरेन सरकार ने आनन फानन में लालू को वापस रिम्स के पेइंग वार्ड में स्थानांतरित किया। उन्होंने कहा कि वास्तव में लालू यादव को वापस बिरसा मुंडा जेल में ही भेजना चाहिए, उनके पेइंग वार्ड में रहने का कोई औचित्य नहीं है।
लालू प्रसाद ने बिहार के बीजेपी विधायक ललन कुमार पासवान से मंगलवार को बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान अनुपस्थित रहने के लिये कथित तौर पर फोन पर बात की थी। झारखंड सरकार ने बुधवार को इस मामले में जांच के आदेश दिये हैं। झारखंड के जेल महानिरीक्षक वीरेन्द्र भूषण ने इस घटना की जांच के आदेश दिये थे और कहा था कि मामले की सत्यता साबित होने पर लालू के खिलाफ नियमसंगत कार्रवाई की जायेगी।
भूषण ने बताया था कि इस मामले में उन्होंने रांची स्थित बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार के अधीक्षक और रांची के उपायुक्त एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को जांच के आदेश दिये गए हैं। भूषण ने कहा था, ‘‘मैंने स्वयं भी लालू प्रसाद यादव द्वारा किये गये इस कथित फोन कॉल की आडियो सुनने के बाद मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं और इसकी रिपोर्ट आते ही उचित कार्रवाई की जायेगी।’’
लालू प्रसाद को अब तक चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में सजा सुनायी जा चुकी है और इनमें से तीन मामलों में उन्हें उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है लेकिन दुमका मामले में अब तक उन्हें जमानत नहीं मिली है। दुमका कोषागार से गबन के मामले में छह नवंबर को होने वाली सुनवाई 27 नवंबर के लिए टाल दी गयी थी।