मोदी के खिलाफ भी जानकारी छिपाने को लेकर हुई थी शिकायत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी लोकसभा चुनाव के दौरान दाखिल एफिडेविट को लेकर शिकायत दर्ज हुई थी। हालांकि, यह मामला एफिडेविट में गलत जानकारी देने का नहीं, बल्कि जानकारी छिपाने का था। आम आदमी पार्टी के नेता निशांत वर्मा ने शिकायत की थी कि मोदी ने 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी वैवाहिक स्थिति नहीं बताई। जबकि लोकसभा चुनाव 2014 के वक्त वडोदरा सीट से नामांकन दाखिल करते वक्त हलफनामे में खुद को शादीशुदा बताया और पत्नी का नाम जशोदाबेन लिखा। अहमदाबाद के एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एमएम शेख ने अर्जी खारिज कर दी थी। मजिस्ट्रेट ने कहा कि इस मामले में संदर्भ 2012 का है। जबकि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125ए (3) के तहत इसकी शिकायत एक साल के अंदर दाखिल होनी थी।
विधि आयोग की रिपोर्ट पर केंद्र ने अब तक नहीं किया फैसला
विधि आयोग ने चुनाव सुधारों पर अपनी 255वीं रिपोर्ट मार्च में ही सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को कानून मंत्री सदानंद गौड़ा के पास भेज दिया था ताकि सरकार इस पर विचार कर सके। केंद्र ने इस पर फैसला नहीं किया है। आयोग ने सिफारिश की है कि हलफनामे में गलत जानकारी देने पर निर्वाचित नेता को अयोग्य करार दिया जाए।
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