कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्यमय रूप से गायब होने की घटना को याद करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है। आजाद हिंद फौज के संस्थापक को रविवार को याद करते हुए ममता ने कहा कि नेताजी के साथ क्या हुआ, लोगों को यह जानने का अधिकार है। ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘1945 में इसी दिन नेताजी ताइवान के ताइहोकू हवाईअड्डे की एक उड़ान से रवाना हुए और हमेशा के लिए गायब हो गए। हम अब भी नहीं जानते कि उनके साथ क्या घटित हुआ। धरती के महान सपूत के बारे में जानने का लोगों को अधिकार है।’
सच्चाई पता करने के लिए बने 3 आयोग
भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी बोस के परिवार के एक वर्ग व कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि नेताजी की ताईहोकू एयरपोर्ट पर एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई। हालांकि, परिवार के एक अन्य वर्ग व बड़ी संख्या में शोधकर्ताओं व क्रांतिकारी नेता के प्रशंसकों ने विमान दुर्घटना के सिद्धांत को खारिज कर दिया। भारत सरकार ने नेताजी के लापता होने की सच्चाई का पता लगाने के लिए 3 जांच आयोगों का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम.के.मुखर्जी की अगुवाई में 1999 में मुखर्जी आयोग ने नेताजी की कथित गुमशुगदी को लेकर 6 साल लंबी जांच की।
‘गढ़ा गया था हवाई दुर्घटना का सिद्धांत’
आयोग ने यह निष्कर्ष निकाला कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को दुश्मनों से बचाने के लिए हवाई दुर्घटना के सिद्धांत को गढ़ा गया। कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने 2006 में इस आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया। ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने 2015 में नेताजी पर आधारित 64 फाइलों से प्रतिबंध हटाया और उन्हें उपलब्ध कराया। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने भी नेता जी से जुड़ी हुई कई फाइलों को सार्वजनिक किया।
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