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पीडीपी-कांग्रेस और नैशनल कॉन्फ्रेंस मिलकर बना सकते हैं जम्मू-कश्मीर में सरकार

सरकार गिरने के बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के छह महीने पूरे हो जाएंगे और नियमों के मुताबिक, इसे दोबारा बढ़ाया नहीं जा सकता है।

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थन वापस लेने के बाद पीडीपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार गिर गई थी जिसके बाद से नए सिरे से विधानसभा चुनाव कराए जाने की बात हो रही थी लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं जिससे लगता है कि प्रदेश में पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस मिलकर सरकार बना सकते हैं। 

पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी ने कहा कि उनके शीर्ष नेताओं ने उनसे कह दिया है कि राजनीतिक और कानूनी तौर पर राज्य की विशेष पहचान बनाए रखने के लिए तीनों पार्टियां मिलकर सरकार बनाने के लिए तैयार हो गई हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसके बारे में अच्छी खबर दी जाएगी।

सरकार गिरने के बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के छह महीने पूरे हो जाएंगे और नियमों के मुताबिक, इसे दोबारा बढ़ाया नहीं जा सकता है। राज्यपाल शासन के बाद राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है लेकिन उसके लिए विधानसभा को भंग किया जाना जरूरी है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक के मुताबिक, ऐसा नहीं किया जाएगा।

बताया जा रहा था कि बीजेपी के समर्थन से दो विधायकों वाली सज्जाद लोन की पीपल्स कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व में सरकार बनाई जाएगी। हालांकि, ये दो पार्टियां मिलकर भी बहुमत के आंकड़े (44 विधायक) से काफी दूर थीं। ऐसी किसी भी संभावना को देखते हुए पीडीपी, एनसी और कांग्रेस आपस में हाथ मिलाकर सरकार बनाने की तैयारी में हैं।

यदि इन तीनों पार्टियों के बीच ऐसी कोई सहमति बनती है तो भी महबूबा मुफ्ती के सीएम बनने की संभावना कम है। हालांकि माना जा रहा है कि सरकार का नेतृत्व किसी पीडीपी नेता के हाथ में ही रहेगा। पीडीपी के पास 28 विधायक हैं जबकि नेशनल कांफ्रेंस के पास 15 और कांग्रेस के 12 विधायक हैं। तीनों पार्टियों के पास कुल मिलाकर 44 विधायक हैं जो कि बहुमत से काफी ज्‍यादा है।

गठबंधन की बातचीत के तहत पीडीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बना सकते हैं। वहीं नेशनल कांफ्रेंस इसे बाहर से समर्थन दे सकती है। पीडीपी और कांग्रेस 2002 से 2007 के बीच भी मिलकर राज्‍य में सरकार बना चुके हैं। यह भी देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी को मात देने के लिए एक-दूसरे की धुर विरोधी मानी जाने वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी एक साथ आ रही हैं।

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