पटना: जनता दल युनाईटेड (जदयू) के नाखुश नेता पवन वर्मा के लिए और असहज स्थिति पैदा करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राजनयिक से नेता बने वर्मा के पत्र का कोई ‘महत्व और मतलब नहीं’ है । इसलिए वह जवाब के लायक नहीं है। कुमार ने वर्मा के रूख के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब में यह बात कही। जदयू महासचिव वर्मा ने कहा था कि मुख्यमंत्री से जवाब मिलने के बाद ही वह पार्टी में बने रहने के बारे में कोई निर्णय लेंगे। इस पर जदयू प्रमुख कुमार ने उन्हें झिड़की लगायी थी।
नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के जयंती समारोह के मौके पर कहा, ‘‘ जब पार्टी का कोई सदस्य उपयुक्त पत्र भेजता है तब उसका जवाब दिया जाता है। क्या आप इसे पत्र कहते हैं। एक ई-मेल भेजा गया और फिर उसकी सामग्री मीडिया के साथ साझा की गयी। उसका कोई मतलब और महत्व नहीं है।’’ कुमार का संस्कृति सलाहकार बनने के लिए 2013 में आईएफएस से इस्तीफा देने वाले और बाद में दो कार्यकाल तक राज्यसभा का सदस्य रहे वर्मा संशोधित नागरिकता कानून का समर्थन करने को लेकर जदयू के आलोचक रहे हैं।
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