नयी दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में नल का पानी पीने के लायक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया और वह इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे है। पासवान ने आरओ (जल शोधक) कंपनियों का पक्ष लेने संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों को खारिज किया। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री खराब गुणवत्ता वाले पानी की आपूर्ति जारी रखते हुए ऐसी कंपनियों का पक्ष लेना चाहते हैं।
पासवान ने अपनी इस मांग को दोहराया कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अधिकारियों की एक संयुक्त समिति गठित की जाये ताकि राष्ट्रीय राजधानी में पाइप से आपूर्ति वाले पानी की गुणवत्ता की जांच हो सके। गत 16 नवम्बर को बीआईएस के एक सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ था कि शहर के 11 स्थानों से एकत्र किये गये पानी के नमूने 19 मानकों पर गुणवत्ता परीक्षण में खरे नहीं उतरे है। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में पानी की गुणवत्ता को लेकर पासवान और केजरीवाल के बीच जुबानी जंग चल रही है।
पासवान ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘दिल्ली में पानी की खराब गुणवत्ता का मुद्दा गंभीर बन गया है। लेकिन दिल्ली सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। यह मेरा मिशन है कि न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे देश में स्वच्छ और सुरक्षित पानी की आपूर्ति हो।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने 25 नवम्बर को दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था और एक संयुक्त समिति गठित किये जाने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि पानी के नमूनों की जांच एनएबीएल से मान्यताप्राप्त प्रयोगशाला में होनी चाहिए। पासवान ने एक स्वायत्त निकाय बीआईएस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए केजरीवाल की निंदा की। उन्होंने कहा कि बीआईएस ने 20 राज्यों की राजधानियों में पानी की गुणवत्ता को लेकर सर्वे किये है। उन्होंने कहा कि किसी अन्य राज्य ने बीआईएस रिपोर्ट पर सवाल नहीं उठाये है।
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