नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच क्या 2019 के चुनाव से पहले गठबंधन हो सकता है? दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित से जब यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस बारे में जो भी निर्णय लेगा वह उन्हें मान्य होगा।
शीला दीक्षित का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब देशभर में भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ महागठबंधन बनाए जाने को लेकर बातें हो रही हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे का कई बार विरोध भी कर चुके हैं लेकिन हाल में आम आदमी नेता संजय सिंह ने राजस्थान में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए हुए शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया, समारोह में संजय सिंह के जाने के बाद ऐसे कयास लगना शुरू हो गए हैं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी हैं।
दिल्ली में जब पहली बार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी तो कांग्रेस ने उस समय उन्हें समर्थन दिया था। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने सिर्फ 49 दिन में ही मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया और 2014 के लोकसभा चुनावों में कूद गए। हालांकि आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनावों में भारी हार का सामना करना पड़ा लेकिन दोबारा जब दिल्ली में फिर विधानसभा चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी ने भारी मतों से जीत हासिल की और 70 में से 67 विधानसभा सीटें जीतने में कामयाब हुई।
हालांकि विधानसभा चुनावों में मिली रिकॉर्ड जीत के बावजूद आम आदमी पार्टी को 2017 में हुए एमसीडी चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था।
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