नई दिल्ली: कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि कास्टिंग काउच एक कड़वा सच है और ये हर जगह होता है। इससे संसद भी अछूता नहीं है लेकिन अच्छी बात ये है कि भारत अब इसके खिलाफ उठ खड़ा हुआ है। कास्टिंग काउच के खिलाफ मी टू अभियान भी चल रहा है। बता दें कि इससे पहले बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान ने कास्टिंग काउच का बचाव करते हुए विवादित बयान दिया था।
महाराष्ट्र के सांगली में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि कास्टिंग काउच कुछ नया नहीं है ये पुराने समय से हो रहा है। बॉलीवुड में कास्टिंग काउच का बचाव करते हुए सरोज खान ने कहा कि फिल्म इंड्रस्ट्री में अगर रेप या कास्टिंग काउच होता है तो रोटी भी मिलती है। हालांकि उन्होंने बाद में अपने बयान को लेकर माफी मांग ली।
इससे पहले रेणुका चौधरी ने देश में बढ़ती गैंगरेप और महिला हिंसा मामले पर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कठुआ की घटना पर अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की चीफ क्रिस्टीन लेगार्द के हालिया बयान का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 में देश की जनता ने इसलिए वोट नहीं दिया था उनकी सुरक्षा से समझौता हो। रेणुका चौधरी ने गैंगरेप मामले पर विवादित बयान देते हुए कहा कि आजकल कोई महिला घर से बाहर नहीं निकलती है।
रेणुका ने शोले फिल्म का उदाहरण देते हुए कहा, अरे ओ सांभा कितने आदमी थे। आज जब लड़कियां घर से बाहर निकलती हैं और उसका बलात्कार हो जाता है, जब वो थाने में जाती है तो वहां यही सवाल पूछा जाता है, बेटी कितने आदमी थे।
कांग्रेस नेता के इस बयान के लेकर लोग उनके विरोध में उतर आए। इसके बाद कई ट्विटर यूजर्स ने रेणुका चौधरी को उन्हीं का बयान याद दिलाया। दरअसल, रेणुका ने 9 अगस्त 2016 को कहा था, 'रेप तो चलते रहते हैं और अगर वे 10-20 दिनों के बाद किसी को अरेस्ट करते हैं और सोचते हैं कि हम उनको शाबाशी देंगे तो ऐसा नहीं होगा।
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