नई दिल्ली: जन अधिकार मोर्चा के अध्यक्ष और बिहार की मधेपुरा सीट से सांसद पप्पू यादव की जुबान एक बार फिर से फिसली है। समस्तीपुर के वारिसनगर विधान सभा क्षेत्र के किसनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने यह तक कह दिया कि बिहार के प्राइमरी स्कूलों में तैनात शिक्षक “कुत्तों” को भी पढ़ाने के लायक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनका स्तर इतना खराब है कि वो किसी को क्या पढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के 4.2 फीसदी स्कूल में शिक्षक ही नहीं है और जहां कहीं भी शिक्षक हैं वो बच्चों को पढ़ाने लायक नहीं हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार पप्पू यादव की जुबान फिसल चुकी है।
यूपीएससी की तर्ज पर शिक्षक भर्ती करेंगे पप्पू-
पप्पू यादव ने अपनी रैली के दौरान बिहार के प्राइमरी स्कूल के टीचरों के लिए अपशब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा कि अगर वो सत्ता में आए तो राज्य में यूपीएससी की तर्ज पर परीक्षा कराकर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी और उनको 50,000 से ऊपर का वेतन दिया जाएगा, ताकि उनका गुजारा अच्छे से हो सके। वहीं पप्पू यादव के इस बयान पर लोग कड़ा विरोध भी जता रहे हैं। टीटी, एसटीई नियोजित शिक्षक संघ के अध्यक्ष मार्केंडय पाठक ने बताया कि अगर बिहार की शिक्षा व्यवस्था खराब है तो उसके लिए पप्पू यादव जैसे लोग ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के पास हर किसी काम के लिए पैसे होते हैं लेकिन शिक्षकों को अपना वेतन लेने के लिए सड़क पर आना पड़ता है। आपको बता दें पप्पू इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में सपा, एनसीपी, समरस समाज पार्टी, समाजवादी जनता दल और नेशनल पीपुल्स पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
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