मुंबई। पंकजा मुंडे ने अपने फेसबुक पोस्ट से भारतीय जनता पार्टी छोड़ने की जिन अटकलों को पैदा किया था उन अटकलों को लेकर अब पंकजा मुंडे के नए बयान से सस्पेंस और बढ़ गया है। पंकजा मुंडे ने अपने नए बयान में कहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी की एक इमानदार कार्यकर्ता रहीं हैं और उन्होंने पार्टी के लिए काम किया है, उन्होंने कहा कि उनके ऊपर जो आरोप लगे हैं उनसे वे परेशान हैं और 12 दिसंबर को ही इसपर कुछ बोलेंगी, 12 दिसंबर से पहले इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलेंगी।
मंगलवार को पंकजा मुंडे को लेकर सस्पेंस तब और बढ़ गया जब फेसबुक के होमपेज पर अपने संदेश में मुंडे ने देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की 135वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए अपनी पार्टी का चिह्न ‘कमल’ साथ में पोस्ट किया। मुंडे ने रविवार शाम महाराष्ट्र में बदले राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर फेसबुक पर अपनी“भावी यात्रा” के संबंध में एक पोस्ट करने के साथ ही राजनीति में उनके अगले कदम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया था। उन्होंने सोमवार को अपने ट्विटर बायो से ‘भाजपा’ और अपने राजनीतिक सफर का विवरण हटाकर अफवाहों को और बल दे दिया था।
रविवार को फेसबुक की अपनी पोस्ट में पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों को अपने दिवंगत पिता एवं भाजपा के पूर्व नेता तथा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे की जयंती के मौके पर 12 दिसंबर को गोपीनाथगढ़ आने का न्योता दिया था। गोपीनाथगढ़ बीड जिले में गोपीनाथ मुंडे का स्मारक है। ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पंकजा मुंडे 12 दिसंबर को अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकती हैं।
पंकजा मुंडे को हाल में बीते महाराष्ट्र विधानसबा चुनाव में महाराष्ट्र की बीड़ जिले की परली विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था, पंकजा मुंडे को उनके चचेरे भाई धनंजय मुडे ने हराया था। धनंजय मुंडे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
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