कांग्रेस का पहला प्यार पाकिस्तान, कश्मीर पर दिग्विजय ने दिया राहुल गांधी का मैसेज- गिरिराज सिंह
भारतीय जनता पार्टी के बिहार से लोकसभा सांसद गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस पार्टी का पहला प्यार पाकिस्तान है।
नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी किए गए दिग्विजय सिंह के कथित 'क्लब हाउस ऑडियो चैट' के बाद कांग्रेस पार्टी पर लगातार हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के बिहार से लोकसभा सांसद गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस पार्टी का पहला प्यार पाकिस्तान है। दिग्जविजय सिंह ने पाकिस्तान को राहुल गांधी का संदेश दिया है। गिरिराज यहीं नहीं रुके, उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस पाकिस्तान को कश्मीर पर कब्जा करने में मदद करेगी।
दिग्विजय सिंह के ऑडियो चैट पर बीजेपी के नेता संबित पात्रा ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा कि दिग्विजय सिंह की भाषा कांग्रेस पार्टी के लिए नई नहीं है। पहली बात ये कि चैट में दिग्विजय सिंह एक उत्तर दे रहे हैं औऱ ये उत्तर पाकिस्तान के एक पत्रकार का है। पाकिस्तान के एक पत्रकार का प्रश्न है कि मोदी को हटाने के बाद जो सरकार आएगी उसका रुख कश्मीर पर क्या रहेगा। ये पहली बार नहीं हुआ है। कांग्रेस पार्टी के मणिशंकर ने पाकिस्तान में कहा था कि मोदी सरकार को हटाना होगा। भारत के आंतरिक मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ बातचीत करना क्या मामला है।
संबित पात्रा ने कहा कि हम ये मांग करते हैं कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ये स्पष्ट करें कि कश्मीर पर कांग्रेस पार्टी की मंशा क्या है। पीएम मोदी से घृणा करते-करते कांग्रेस पार्टी कब हिंदुस्तान से घृणा करने लगी है, ये कांग्रेस पार्टी खुद नहीं समझ पाई है। पीएम मोदी से नफरत करते करते आर भारत से घृणा करने लगे हैं, हिंदुस्तान की जनता आपको माफ नहीं करेगी। दिग्विजय और कांग्रेस पार्टी का पाकिस्तान पर सॉफ्ट रवैया रहा है।
आपको बता दें कि भाजपा द्वारा जारी किए गए क्लब हाउस चैट में दिग्विजय सिंह ये कहते सुनाई दे रहे हैं, "जब उन्होंने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया तो वहां लोकतंत्र नहीं था। वहां इंसानियत भी नहीं थी क्योंकि उन्होंने सभी को जेल में बंद कर दिया था। कश्मीरियत वहां के सेक्युलरिज्म का अहम हिस्सा है क्योंकि मुस्लिम बहुल राज्य का राजा हिंदू था और दोनों साथ मिलकर काम करते थे। यहां तक कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया गया था। ऐसे में आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला बेहद दुखद था और कांग्रेस जब सत्ता में आएगी तो 370 को हटाने के फैसले पर फिर से विचार करेगी।"