नई दिल्ली: एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक बिल पर लोकसभा में बहस के दौरान कहा कि तीन तलाक कानून महिलाओं पर जुल्म है। आप इस कानून के जरिये शादी को खत्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट है, जन्म-जन्म का साथ नहीं है। ओवैसी ने अपने भाषण में कानून के कई पहलुओं का जिक्र किया और तीन तलाक को लेकर कहा कि आप इन प्रावधानों को लागू करेंगे तो क्या शौहर जेल में रहकर भत्ता देगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक बुराईयां कानून बनाने से खत्म नहीं होगी।
उधर, कांग्रेस ने तीन तलाक को निषेध करने वाले विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की मांग की और दावा किया कि यह मुस्लिम समुदाय के निशाना बनाने का प्रयास है । लोकसभा में तीन तलाक चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने विधेयक का विरोध किया और कहा कि इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जा चाहिए और पतियों से अलग रहने को मजबूर सभी धर्मों की महिलाओं के लिए एक कानून बनना चाहिए।
भाजपा ने तीन तलाक बिल को महिलाओं के लिए न्याय देने लिए उठाया गया कदम करार देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी इसके जरिए प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाते हुए मुस्लिम महिलाओं हक उनका दे रहे हैं जो राजीव गांधी ने 1980 के दशक में नहीं किया था। लोकसभा में चर्चा शुरुआत करते हुए भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विपक्ष के लोगों को यह बात हजम नहीं हो पा रही है कि नरेंद्र मोदी जैसे हिंदू मुस्लिम महिलाओं के ‘भाई’ कैसे बन गए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री हैं और वह अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। (इनपुट-भाषा)
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