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Hindi News भारत राजनीति AAP नेता आशुतोष के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश: गांधी, नेहरू, अटल पर की थी अभद्र टिप्पणी

AAP नेता आशुतोष के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश: गांधी, नेहरू, अटल पर की थी अभद्र टिप्पणी

आम आदमी पार्टी (AAP) नेता आशुतोष के खिलाफ यहां की एक अदालत ने ‘अभद्र’ टिप्पणी करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के आज दिल्ली पुलिस को निर्देश दिये। 

Ashutosh- India TV Hindi Ashutosh

नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) नेता आशुतोष के खिलाफ यहां की एक अदालत ने ‘अभद्र’ टिप्पणी करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के आज दिल्ली पुलिस को निर्देश दिये। आशुतोष के खिलाफ यह निर्देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ 2016 में एक ब्लॉग में कथित रूप से ‘‘अभद्र’’ टिप्पणियां करने के आरोप के चलते दिए गए हैं। 

सेक्स स्कैंडल में ‘आप’ के एक विधायक का नाम सामने आने के बाद उनका बचाव करते हुए आशुतोष ने एक ब्लॉग लिखा था और उन्होंने इसमें इन पूर्व नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये थे। आशुतोष के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई गई थी जिस पर अदालत ने यह निर्देश दिया। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एकता गाबा ने कहा कि आशुतोष महात्मा गांधी की छवि को ठेस पहुंचाकर और युवाओं के दिमाग को भ्रमित करके लोगों का ध्यान हासिल करने का प्रयास कर रहे थे जो कि मेरी नजर में एक संज्ञेय अपराध है। 

अदालत ने कहा,‘‘इसलिए, मैंने पाया कि इस मौजूदा मामले में प्रथम दृष्टया भादंसं की धाराओं 292 और 293 के तहत संज्ञेय अपराध में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पर्याप्त आधार है। बेगमपुर के थाना प्रभारी को आशुतोष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिये जाते है और कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत मामले की जांच की जाये।’’ 

योगेन्द्र नामक एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने आशुतोष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया था। आशुतोष ने 2016 में लिखे ब्लॉग में आप के बर्खास्त मंत्री संदीप कुमार का बचाव किया था। इस मंत्री को बलात्कार के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। संदीप कुमार की एक सीडी सामने आई थी जिसमें वह एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थे। आशुतोष ने कुमार का बचाव करते हुए कथित रूप से कहा था कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के महिलाओं के साथ कथित रिश्ते थे। अदालत ने कहा कि आप नेता के इस कृत्य की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत अनदेखी नहीं की जा सकती है। 

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