हार्दिक पटेल ने इंडिया टीवी कॉन्क्लेव में कहा, 'गुजरात चुनाव में बीजेपी की हार निश्चित करना हमारा एकमात्र लक्ष्य'
पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि उनके संगठन का एकमात्र लक्ष्य गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार को सुनिश्चित करना है।
अहमदाबाद: पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि उनके संगठन का एकमात्र लक्ष्य गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार को सुनिश्चित करना है। यहां इंडिया टीवी मेगा कॉन्क्लेव 'चुनाव मंच' में सवालों का जवाब देते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि व्यापक तौर पर उनके संगठन का दो उद्देश्य है, पहला, पाटीदार समाज को आरक्षण और दूसरा बीजेपी की हार निश्चित करना।’
'अगर बीजेपी हार गई और कांग्रेस सत्ता में आई तो इससे हमारे आंदोलन को मदद मिलेगी। हमलोग अपने मामले के लिए खुलकर आंदोलन कर सकते हैं और राज्य और केंद्र दोनों पर आरक्षण की मांग को लेकर दबाव बना सकते हैं।'
पटेल ने दावा किया कि संविधान में 50 फीसदी आरक्षण की कोई सीमा नहीं है। 'केवल सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 50 फीसदी आरक्षण की सीमा तय की है। संविधान में कहीं यह नहीं लिखा है कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता।'
पाटीदार नेता ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग का आदेश देने के लिए गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को जिम्मेदार ठहराया। इस फायरिंग में 14 लोगों की मौत हुई थी।
‘हमने करीब 200 रैलियां की और हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई। जीएमडीसी (GMDC) मैदान पर करीब 30 लाख लोग जमा हुए थे और रात के दो बजे हमारी मीटिंग में करीब 4 लाख लोग मौजूद थे। कुछ नहीं हुआ। लेकिन सत्ता में बैठे हुए लोगों ने कुछ करने फैसला किया। उनलोगों ने बिजली काट दी और पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। 14 युवक मारे गए। वे लोग प्रदर्शनकारी नहीं थे, वे निर्दोष थे।‘
हार्दिक पटेल ने कहा, 'आनंदीबेन पटेल मेरी बुआ हैं। वह पिछले 15 साल से मेरे पिता को राखियां भेजती रही हैं। इसके बावजूद उन्होंने विधानसभा में कहा कि 14 युवकों की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है।'
पाटीदार नेता ने दावा किया कि उनके संगठन के किसी सदस्य ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से टिकट की मांग नहीं की।
हार्दिक पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन आरोपों को नकार दिया कि कांग्रेस ने सरदार वल्लभभाई पटेल की बेईज्जती की।
‘कांग्रेस ने कभी सरदार की बेईज्जती नहीं की, उनकी बेटी मणिबेन दो बार संसद की सदस्य रहीं। अगर सरदार पटेल जिंदा रहते तो वह अपनी इतनी ऊंची स्मारक बनाने का विरोध करते।’ हालांकि उन्होंने यह कहा कि दिल्ली में सरदार पटेल की समाधि बननी चाहिए और उसका नाम 'राष्ट्र घाट' होना चाहिए।
हार्दिक पटेल ने कहा कि जब वे 25 साल के हो जाएंगे उसके बाद अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में फैसला लेंगे। 'यह सब समय पर छोड़ दीजिए। मैं सही समय पर अपना फैसला लूंगा। मुझे प्लॉट हासिल करने के लिए मंत्री नहीं बनना है।’
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