कोलकाता: विपक्ष के संभावित महागठबंधन से पहले एक बार फिर इसके प्रधानमंत्री उम्मीदवार के बारे में चर्चा तेज हो गई है। कोई पार्टी नेता घोषित कर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के पक्ष में है तो अधिकांश विपक्षी दलों का मानना है कि ऐसा करने पर महागठबंधन में टूट हो सकती है। अब इस मसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पक्ष भी सामने आया है। ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद ही चर्चा हो सकती है।
आपको बता दें कि ममता का यह बयान DMK अध्यक्ष एम के स्टालिन के उस बयान की पृष्ठभूमि पर आया है जिसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था। ममता ने राज्य सचिवालय में कहा,‘2019 में लोकसभा चुनाव के बाद ही इस पर चर्चा हो सकती है। एकबार विपक्षी गठबंधन विजयी हो जाए फिर सभी पार्टियां बैठक कर इस मामले पर निर्णय लेंगी। हमें उसे स्वीकार करेंगे।’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भी इस दौड़ में शामिल हैं,उन्होंने कहा, ‘इस मसले पर बात करने का यह वक्त नहीं है। मैं अकेले नहीं हूं। हम साथ में काम कर रहे हैं। हम मजबूती से साथ में हैं।’ आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के एक महागठबंधन की चर्चा पिछले कई महीनों से जोरों पर है।
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