नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों में लगातार जारी हंगामे के बीच मॉनसून सत्र में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं। सरकार ने बुधवार को विपक्ष से 'हाथ जोड़कर' गुजारिश की कि वह चर्चा को राजी हो जाए। सरकार ने कहा कि वह ललित मोदी मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत लोकसभा में चर्चा कराने को तैयार है।
इसके बाद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि यदि सब चाहते हैं तो प्रक्रिया के अनुसार मुझे स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करना होगा। लेकिन यह प्रश्नकाल के बाद ही हो पाएगा। जिस पर कांग्रेस सांसदों ने जमकर हंगामा करते हुए कहा कि इस पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए और वह भी पीएम मोदी की मौजूदगी में।
कार्यवाही शुरू होते ही ललित मोदी मामले पर सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में खुद खड़े होकर कहा,''हम चर्चा को राजी हैं। मेरी हाथ जोड़कर विनती है कि विपक्ष बोलने दे। जितने सांसद बोलना चाहें बोलें। लेकिन जब मैं जवाब देने खड़ी होऊं तब सारे विपक्षी सांसद मौजूद रहें और मुझे सुनें।''
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में कहा कि, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में बयान दें। क्योंकि जब तक प्रधानमंत्री सदन में नहीं होंगे, तब तक एक्शन कौन लेगा।
दूसरी तरफ लोकसभा में जेडीयू सांसद शरद यादव ने उद्योगपतियों द्वारा विपक्षी सांसदों से संसद चलाए जाने की अपील पर सरकार को आड़े लेते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि थैलीशाह ही इस देश की सरकार को चला रहे हैं।
वहीं विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही आज एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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