पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को विपक्ष ने सृजन घोटाले और बिहार में बाढ़ को लेकर जमकर हंगामा किया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को बदले राजनीतिक समीकरण के बीच विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के पूर्व ही विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्यों ने विधानसभा के मुख्यद्वार पर हाथों में तख्तियां और पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया और जमकरी नारेबाजी की। इसके बाद पूर्वाह्न् 11 बजे सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्षी सदस्यों ने सदन के अंदर हंगामा शुरू कर दिया।
विपक्षी सदस्य सृजन घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। वहीं वामपंथी दलों ने बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की।
इन दोनों मुद्दों को लेकर विपक्ष हंगामा करता रहा। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी सदस्यों से सदन में सार्थक बहस की अपील करते रहे, लेकिन उनकी बातों का कोई असर विपक्षी सदस्यों पर नहीं हुआ। इसके बाद हंगामा को देखते हुए सदन की कार्यवाही मंगलवार पूर्वाह्न् 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया।
इधर, विधानसभा परिसर से बाहर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के इस्तीफे के बिना सृजन घोटोले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती। उन्होंने सृजन घोटाले को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए आरोप लगाया कि नीतीश और सुशील मोदी सृजन घोटले में संलिप्त हैं।
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