'कश्मीर मुद्दा मोदी सरकार में हल नहीं हुआ तो फिर भूल जाइए कि कभी हल होगा'
‘‘मैं एक चीज बहुत साफ कह दूं....अगर कश्मीर की समस्या और पाकिस्तान की समस्या या फिर वे समस्याएं जो दूसरे लोग हल नहीं कर सकते, वो नरेंद्र मोदी साहब के समय हल नहीं हुईं तो फिर भूल जाइए कि आगे कभी हल होंगी
नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि अगर मोदी सरकार के रहते ‘कश्मीर की समस्या’ हल नहीं हुई तो फिर भूल जाइए कि आगे कभी हल होगी। नकवी ने आज यहां अल्पसंख्यकों से जुड़े एक सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं एक चीज बहुत साफ कह दूं....अगर कश्मीर की समस्या और पाकिस्तान की समस्या या फिर वे समस्याएं जो दूसरे लोग हल नहीं कर सकते, वो नरेंद्र मोदी साहब के समय हल नहीं हुईं तो फिर भूल जाइए कि आगे कभी हल होंगी।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा, ‘‘ये नरेंद्र मादी जी की ताकत है कि वे नवाज शरीफ के यहां शादी में पहुंच जाते हैं। कोई और जा सकता था? किसी और की हिम्मत थी कि वो (कोई प्रधानमंत्री) बिना बताए पाकिस्तान में शादी में पहुंच जाए।’’
नकवी ने कहा, ‘‘कश्मीर को लेकर सरकार ने वार्ताकार (दिनेश्वर शर्मा) की नियुक्ति की है। वहां समाधान होगा। कश्मीर के लोग अमन चाहते हैं। कश्मीर के लोगों ने हमेशा अमन की दुश्मन ताकतों को शिकस्त दी है और आगे भी वे ऐसी ताकतों को शिकस्त देंगे।’’
बाद में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री राष्ट्रवादी इच्छाशक्ति के साथ देश की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं। वह दुनिया के दूसरे देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जहां तक कश्मीर की समस्या का सवाल है तो इन तीन वर्षों में कश्मीर में अमन और विश्वास का माहौल बना है।’’
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम के कश्मीर में ‘व्यापक स्वायत्तता’ संबंधी बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नकवी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कुछ लोग अलगाववादियों के सुर में सुर मिलाकर कश्मीर में अमन की कोशिशों में पलीता लगा रहे हैं। इन दिनों कांग्रेस पार्टी के लोगों के सुर सुनाई पड़ रहे हैं। वो अलगाववादियों के सुर में सुर मिलाने की कांग्रेस की कल्चर और कैरेक्टर को ही दोहरा रहे हैं।’’
नकवी ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के एकसाथ कराने की प्रधानमंत्री के रुख की पैरवी की और कहा, ‘‘हमारे देश में हर महीने कहीं ना कहीं चुनाव होता है। ऐसे में विकास के कार्य रुक जाते हैं। प्रधानमंत्री ने ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात की है। अगर ऐसा हो जाए तो आधी समस्याएं अपने आप हल हो जाएंगी।’’