नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि सरकार ने अनुच्छेद 370 पर एकतरफा और हैरान करने वाला फैसला लेकर जम्मू और कश्मीर के लोगों को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम के नतीजे बेहद गंभीर होंगे। आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे। इसके मुताबिक अब अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर से हट जाएगा।
‘अवैध और असंवैधानिक है केंद्र सरकार का फैसला’
उमर अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा, 'भारत सरकार द्वारा लिए गए एकपक्षीय और चौंकाने वाले फैसले ने उस विश्वास के साथ धोखा किया है, जिसके साथ राज्य के लोग साल 1947 में भारत के साथ आए थे। इस फैसले के दूरगामी और बेहद गंभीर परिणाम होंगे। यह घोषणा उस वक्त की गई, जबकि पूरी कश्मीर घाटी एक आर्मी के कैंप के रूप में तब्दील हो चुकी है। केंद्र का फैसला एक पक्षीय, अवैध और असंवैधानिक है और नेशनल कॉन्फ्रेंस इसे चुनौती देगी।'
दो भागों में बंटेगा जम्मू और कश्मीर सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक विधेयक भी पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य का विभाजन 2 केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया। गृह मंत्री ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह से विधानसभा नहीं होगी। शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधान के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी।
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