नोटबंदी पर बोले राहुल- RBI या जेटली ने नहीं, RSS ने दिया था मोदी को यह आइडिया
राहुल ने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार के मंत्री स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रहे, क्योंकि हर मंत्रालय में आरएसएस के लोग बिठा दिए गए हैं...
कलबुर्गी (कर्नाटक): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर देश की हर संस्था पर ‘‘कब्जे’’ की कोशिश का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि संघ परिवार के एक ‘‘खास विचारक’’ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटबंदी का विचार दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा, ‘अगर 2019 में कांग्रेस केंद्र में सरकार बनाती है तो GST के नियमों में बदलाव किया जाएगा ताकि लोगों को राहत मिल सके।’
राहुल ने कहा, ‘‘आपको पता है कि नोटबंदी का विचार कहां से आया? आपको पता है कि नोटबंदी का विचार प्रधानमंत्री को किसने दिया? आरबीआई ने नहीं, अरुण जेटली (वित्त मंत्री) ने नहीं, वित्त मंत्रालय के किसी अधिकारी ने भी नहीं। आरएसएस के एक खास विचारक ने यह विचार दिया।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘अब आप कल्पना कर सकते हैं कि आरएसएस प्रधानमंत्री को विचार देता है और प्रधानमंत्री उस विचार पर अमल भी कर देते हैं।’’
राहुल ने कहा कि आरएसएस और भाजपा के काम करने का तरीका यही है। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा के लोगों को लगता है कि वे ही सब कुछ जानते हैं और फिर ऐसे ‘‘विनाशकारी’’ फैसले ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक बच्चा भी कहेगा कि 500 और 1000 रुपए के नोटों को ‘‘बर्बाद’’ करना अच्छा विचार नहीं था, क्योंकि इससे भ्रष्टों को अपना काला धन सफेद कराने का मौका मिल गया।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार के मंत्री स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रहे, क्योंकि हर मंत्रालय में आरएसएस के लोग बिठा दिए गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भारत के हर एक मंत्रालय में राष्ट्रीय स्तर पर एक ओएसडी (विशेष कार्य अधिकारी) है जो आरएसएस से है और मंत्री के साथ काम कर रहा है.....भारत के हर मंत्रालय में आरएसएस का एक आदमी है जो मंत्री के साथ काम कर रहा है। मंत्री अपने मन से काम नहीं कर रहे।’’
उन्होंने कहा कि मंत्रियों को आरएसएस से निर्देश मिलते हैं कि उन्हें क्या करना है। उन्होंने कहा, ‘‘तरीका ये है कि कब्जा करो, तरीका ये है कि एक संस्था है और आओ इस पर कब्जा करें, यह किसी संस्था को भारत के लोगों की सेवा करने देने और उसे भारत के लोगों के नियंत्रण में होने देने के खिलाफ है।’’ राहुल ने कहा कि कांग्रेस इस विचार को मानती है कि संस्थाओं पर लोगों का नियंत्रण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टी का काम राजनीतिक प्रणाली को चलाना है, न कि किसी संस्था पर कब्जा कर उसे चलाना और उसे अपनी आस्था के मुताबिक आकार देना।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के साथ हमारा यही मौलिक टकराव है। उनका विचार है कि वे जहां भी जाते हैं अपनी विचारधारा वाले लोगों को उस संस्था में बिठा देते हैं।’’ राहुल ने कहा कि कांग्रेस संस्थाओं के ‘‘लोकतांत्रिकरण’’ के पक्ष में है जबकि भाजपा उनके ‘‘नौकरशाहीकरण’’ में यकीन रखती है। पेशेवरों और कारोबारियों से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि देश में और ज्यादा महिला सांसद और महिला मुख्यमंत्री होने चाहिए।
राहुल ने कहा, ‘‘पहली चीज जिसे मैं अहम मानता हूं और मैं कांग्रेस पार्टी में कर सकता हूं और मैं कांग्रेस में ऐसा करूंगा......वह यह है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को राजनीतिक प्रणाली, विधानसभाओं, राज्यसभा में लाऊंगा।’’