अगले लोकसभा चुनाव में ‘खेला’ नहीं, मोदी का मेला होगा, ममता के दिल्ली दौरे के बीच बोले रामदास आठवले
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने एक बयान में दावा किया, ‘‘2024 में ‘खेला’ नहीं सत्ता के लिए मोदी का मेला होगा।
नयी दिल्ली। ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। 2024 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया (ए) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में भले ही सभी विपक्षी दल एकजुट हो जाएं, लेकिन अगले लोकसभा चुनाव में कोई ‘खेला’ नहीं होगा क्योंकि उस चुनाव में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही ‘मेला’ होगा।
रामदास अठावले ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब ममता बनर्जी इन दिनों दिल्ली में प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रही हैं। उनके इस दिल्ली दौरे को भाजपा विरोधी मोर्चे के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने एक बयान में दावा किया, ‘‘2024 में ‘खेला’ नहीं सत्ता के लिए मोदी का मेला होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2024 में राजग की सरकार बनने से दुनिया की कोई ताक़त रोक नहीं सकती, चाहे ममता बनर्जी के नेतृत्व में कितने ही राजनीतिक दल एकजुट क्यों न हो जाएं।’’
पेगासस के मुद्दे पर संसद में विपक्षी दलों के हंगामे को लेकर उन्होंने कहा, ‘‘तीन दिन तक हंगामा ठीक है, चौथे दिन सीट छोड़कर हंगामा करने पर सदस्यों को दो साल तक निलंबित करने का नियम होना चाहिए। इससे सदन में हंगामा रोकने में मदद मिलेगी।’’
पेगासस के मुद्दे पर संसद में आक्रामक रुख अपनाए रखेगी कांग्रेस
पेगासस जासूसी मामले पर संसद में पिछले कई दिनों से चल रहे गतिरोध के बीच कांग्रेस ने गुरुवार को फैसला किया कि वह मानसून सत्र के दौरान आगे भी इस मुद्दे को लेकर पीछे नहीं हटेगी और चर्चा कराने एवं गृह मंत्री अमित शाह के जवाब की मांग पुरजोर ढंग से करती रहेगी। सूत्रों के मुताबिक, संसद भवन में पार्टी के संसदीय मामलों के रणनीतिक समूह की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और कुछ अन्य नेता मौजूद थे।
इस बैठक के बाद कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘कांग्रेस पेगासस के मुद्दे से पीछे नहीं हटेगी। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय है। हम अपनी यह मांग उठाना जारी रखेंगे कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा हो और गृह मंत्री इसका जवाब दें।’’ उधर, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि सरकार के पास कुछ छिपाने के लिए है, इसलिए वह पेगासस पर चर्चा से भाग रही है। उन्होंने संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने सिर्फ यही पूछा है कि क्या सरकार ने पेगासस को खरीदा या इसका उपयोग किया? इसका उपयोग किस व्यक्ति या संस्था के खिलाफ किया था? सरकार ने इसका जवाब नहीं दिया।’’
सिंघवी ने आरोप लगाया, ‘‘ सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। वह डरी हुई है, कुछ छिपाना चाहती है।’’ पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा।