उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण ने बांटा महाशक्तियां को
उत्तर कोरिया के हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षण के ख़िलाफ़ कुछ दिन पहले तक तो महाशक्तियां एकजुट थीं लेकिन अब इनके बीच दरार आ गई है।
उत्तर कोरिया के हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षण के ख़िलाफ़ कुछ दिन पहले तक तो महाशक्तियां एकजुट थीं लेकिन अब इनके बीच दरार आ गई है। एक तरफ जहां अमरीका का कहना है कि ने कहा है कि उत्तर कोरिया को समझाने की ज़िम्मेदारी रूस और चीन की है तो दूसरी तरफ चीन ने अमरीका पर अपनी ज़िम्मेदारी से बचना का आरोप लगाया है जबकि रूस ने अमरीका की उकसाऊ बयानबाज़ी की निंदा की है।
आपको बता दें कि चीन उत्तर कोरिया का मुख्य सहयोगी है और रूस के उत्तर कोरिया से बहुत अच्छे संबंध हैं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फ़्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि संकट को कम करने के लिए उत्तर कोरिया से सीधी बातचीत होनी चाहिए। गत सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने परमाणु परीक्षण करने के ख़िलाफ़ उत्तर कोरिया को किए जाने वाले तेल निर्यात और कपड़ा निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। अमरीकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने साफ़ किया है कि वॉशिंगटन का मानना है कि अब प्योंगयांग को नियंत्रण में लाने की ज़िम्मेदारी चीन और रूस पर है। जापानी प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने कहा है कि उनका देश इस तरह के उकसावे वाली कार्रवाईयों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
ग़ौरतलब है कि जापान की ओर छोड़ी गई मिसाइल की रेंज इतनी है कि वो अमरीकी इलाक़े गुआम को अपनी ज़द में ले सकती है। दक्षिण कोरिया की सेना के मुताबिक़, इस मिसाइल ने आसमान में 770 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल की और जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो के ऊपर से गुजरती हुई 3,700 किलोमीटर की दूरी तय की।
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटजिक स्टडीज़ के जोसफ़ डेम्पसे ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर कोरिया की ये सबसे अधिक लंबी दूरी तय करने वाली मिसाइल है। अमरीका के मुख्य सहयोगी और उत्तर कोरिया के पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया ने कुछ ही मिनटों बाद दो मिसाइल छोड़ी।