कोलकाता: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मंगलवार को देश में आरक्षण पर बहस की जरूरत को खारिज कर दिया और कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को दलित विरोधी नहीं समझा जाना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा रविवार को दिए गए बयान पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण संविधान द्वारा प्रदान किया गया है और कोई भी समाज के पिछड़े वर्ग से इसे ले नहीं सकता।
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मोहन भागवतजी ने जो कुछ कहा था, उस पर आरएसएस ने सफाई दे दी है। मैं इस देश के दलितों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आरक्षण के मुद्दे पर किसी बहस या पुनर्विचार का प्रश्न ही नहीं उठता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह संवैधानिक अधिकार है और कोई दलितों से यह नहीं ले सकता। नरेंद्र मोदी सरकार को दलित विरोधी नहीं समझा जाना चाहिए।’’
भागवत ने शनिवार को कहा था कि आरक्षण के पक्षधरों और विरोधियों के बीच सौहार्द्रपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए। आरएसएस ने भागवत के बयान पर उठे विवाद को यह कहते हुए गैरजरूरी कहा कि उन्होंने बस इतना कहा था कि किसी भी मुद्दे के समाधान के लिए समाज में सौहार्द्रपूर्ण माहौल में परस्पर चर्चा करने की जरूरत है।
आरएसएस के प्रचार प्रमुख अरूण कुमार ने ट्वीट किया था कि उनके संगठन ने बार बार स्पष्ट किया है कि वह दलितों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण तथा आर्थिक आधार पर आरक्षण पा रहे लोगों के आरक्षण का पूरा समर्थन करता है।
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