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Hindi News भारत राजनीति इतिहास को तोड़ने वाले चाहे जितने बड़े पद पर आ जाएं इतिहास नहीं बना पाएंगे: अशोक गहलोत

इतिहास को तोड़ने वाले चाहे जितने बड़े पद पर आ जाएं इतिहास नहीं बना पाएंगे: अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘इतिहास को तोड़ने मरोड़ने वाले चाहे जितने बड़े पद पर आ जाएं इतिहास बना नहीं पाएंगे।’

<p>Ashok Gehlot</p>- India TV Hindi Ashok Gehlot

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘इतिहास को तोड़ने मरोड़ने वाले चाहे जितने बड़े पद पर आ जाएं इतिहास बना नहीं पाएंगे।’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह शासन देने में विश्वास रखती है और वह पूर्ववर्ती सरकार की किसी योजना को बंद नहीं करेगी।

गहलोत राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2019-20 के बजट पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी धर्म और राष्ट्रवाद के नाम पर लोकसभा चुनाव जीत गई लेकिन 'इतिहास को जो तोड़ेंगे मरोड़ेंगे, वे जिंदगी में चाहे कितने भी बड़े पद पर आ जाएं वे इतिहास कभी बना नहीं पाएंगे।'

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने बहस में भाग लेते हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का जिक्र करते हुए कहा कि जो पार्टी इस पूरे हिंदुस्तान पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में राज करती थी, वह पिछले दो लोकसभा चुनाव में मान्यता प्राप्त प्रतिपक्ष भी नहीं बन पाई। उन्होंने कहा, ‘आप इतना अच्छा काम करते हो और राजस्थान की जनता ने आपको ऑलआउट कर दिया।’

इस पर पलटवार करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘यह तो उसी दिन तय हो गया था जब झुंझुनू में नारे लगे मोदी तुझसे वैर नहीं वसुंधरा तेरी खैर नहीं। यह नारे किसने लगाए यह आपके लिए खोज का विषय हो सकता है कि ऐसा नारा किसने बनाया और किसने लगाया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिस प्रकार आपने विधानसभा चुनाव में अपनी हार को स्वीकार करने जाने के बजाय लोकसभा चुनाव की चर्चा छेड़ दी वह तो आने वाला वक्त बताएगा... कोई आश्चर्य नहीं कि जैसे आए हैं वैसे ही जाएंगे।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘कैंपेन इस आधार पर चलता है सिद्धांत, नीति और कार्यक्रम क्या है। उस आधार पर कैंपेन चलता है कि हम देश के लिए क्या विजन देना चाहते हैं। उसकी बजाय आप चुनाव को ले गए राष्ट्रवाद पर। आप सेना के पीछे छिपकर राजनीति करने लग गए। धर्म के नाम पर राजनीति की। ये जीत कोई बड़ी जीत नहीं होती। जब दंगे होते हैं तो धर्म के नाम पर लोग बंट जाते हैं। उसमें आप लोग कामयाब हो गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों जीतने के बाद संसद के केंद्रीय हॉल में अपनी भाषा बदल दी। पूरी तरह अल्पसंख्यकों के बारे में... सांसदों के अंदर अहम घमंड नहीं होना चाहिए। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे... 150 किलोमीटर की यात्रा करेंगे। इस देश में महात्मा गांधी की हत्या करने वाले कौन लोग थे? 70 साल तक तो महात्मा गांधी याद नहीं आए।’’

भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर महापुरुषों विशेष रूप से पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ अभियान चलाए जाने की आलोचना करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘जवाहर लाल नेहरू को आप किस रूप में पेश करते हैं, उसके लिए देश आपको माफ नहीं करेगा।’’ इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने बजट पर बहस में हिस्सा लेते हुए बजट को शब्दों का ऐसा जाल करार दिया जिसमें ऐसा कोई काम नहीं दिखता जिसे जमीन पर अमली जामा पहनाया जा सके। इसके साथ उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार को लेकर भी कटाक्ष किया।

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