पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां गुरुवार को दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान भवन के उद्घाटन समारोह में 'पर्वत पुरुष' दशरथ मांझी के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर कटाक्ष किया। नीतीश ने कहा कि उन्होंने दशरथ मांझी को जब अपनी कुर्सी पर बिठाया था, तब यह खबर अखबारों में आठ कॉलम की हेडलाइन बनी थी। बाद में जब एक और मांझी को बिठाया तो वे अलग ही चीज निकले।
पटना में पर्वत पुरुष के नाम पर बने श्रम व नियोजन अध्ययन संस्थान के भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा, "बड़े लोगों के नाम पर तो कई योजनाएं चलाई जाती हैं, लेकिन हमलोगों ने समाज के निचले पायदान पर रहने वाले और अच्छा काम करने वालों के नाम पर भी योजना का नामाकरण किया।" उन्होंने कहा कि बिहार में 20-22 साल तक पहाड़ को काटकर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी के नाम पर योजना चल रही है।
मुख्यमंत्री ने लोगों को सावधान करते हुए कहा, "आज समाज में कटुता का माहौल बनाया जा रहा है। खासकर सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप चीजें चलती रहती हैं, इसलिए मैंने अब इसे देखना ही बंद कर दिया है।"
श्रमिकों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किए जाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "जब वर्ष 2005 में बिहार में हमलोगों की सरकार बनी थी, तब से ही श्रमिकों की स्थिति सुधारने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं, यही कारण है कि मजदूरों के पलायन की संख्या में कमी आई है।"
बिहार में शराबबंदी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे समाज में खुशहाली का वातावरण बना है। कई लोग भले ही इसका विरोध कर रहे हों, लेकिन आज घरों में खुशहाली लौट आई है।
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