पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां बुधवार को सभी को संविधान के प्रति प्रतिबद्घ रहने की अपील करते हुए कहा कि संविधान का ढांचा इस तरह से तैयार किया गया है कि देश का संघीय ढांचा बना रहे। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचा जितना मजबूत होगा, देश उतना ही मजबूत होगा और आगे बढ़ेगा। बिहार विधानमंडल विस्तारित भवन के तहत 'सेंट्रल हाल' का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि "केंद्र को भी अधिकार दिए गए हैं और राज्य को भी अधिकार दिए गए हैं। राज्यों की स्वायत्तता का ख्याल रखा गया है और केंद्र की भी अपनी जिम्मेदारियां हैं।"
इस मौके पर 'भारतीय संविधान में विधायिका की भूमिका' विषय पर विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। संविधान को सबसे प्रमुख और ऊपर बताते हुए नीतीश ने कहा, "संविधान ही सबकुछ है, उसके अनुपालन से ही देश में सारी चीजें हो रही हैं। संविधान में मौलिक अधिकार, संप्रभुता, नीति निर्देशक तत्व, धर्मनिरपेक्षता, संघीय ढांचा जैसी मौलिक चीजों की विस्तृत चर्चा है।"
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्ष को चाहिए कि वह राज्यपाल के अभिभाषण व प्रश्नकाल को बाधित नहीं करे। उन्होंने कहा, "विपक्ष के लिए सरकार को घेरने का सबसे बेहतर मौका प्रश्नकाल ही होता है। प्रश्नकाल को बाधित कर विपक्ष सरकार का नहीं, एक तरह से जनता का ही अहित करता है।"
उन्होंने कहा, "देश जब आजाद हुआ तब कतिपय लोगों का यह मानना था कि लम्बे समय तक देश एकजुट नहीं रह पाएगा। गुजरे 75 सालों में देश ने दिखा दिया है कि संविधान की मर्यादा और लोकतंत्र की रक्षा करने में हम सक्षम हैं।" मोदी ने कहा, "भारतीय संविधान में ब्रिटिश संसदीय परम्परा से बहुत कुछ लिया गया है। ब्रिटेन का संविधान अलिखित मगर भारत का लिखित है।"
इस कार्यक्रम को बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारुण रशीद, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने भी संबोधित किया। इस मौके पर बिहार के कई मंत्री, विधायक और विधान पार्षद मौजूद रहे।
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