प्रशांत किशोर पर कार्रवाई कर नीतीश कुमार ने एक तीर से साधे कई निशाने!
नीतीश ने 19 जनवरी के बाद एक ही निर्णय से सभी प्रश्नों का 'जवाब' देकर कई चुनौतियों को निपटा भी दिया।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंजा हुआ राजनीतिक माना जाता है। जनता दल युनाइटेड (JDU) सुप्रीमो नीतीश ने एकबार फिर पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पर कार्रवाई करते हुए पार्टी से निकालकर एक तीर से कई निशाने साधे हैं। लगातार पार्टी विरोधी बयान दिए जाने से नाराज नीतीश ने दोनों नेताओं के पार्टी से निष्कासित कर बिहार में पिछले करीब दो महीने से NDA के घटक दलों के रिश्ते में छाई सियासी धुंध हटाने की कोशिश की है, वहीं अपनी पार्टी के नेताओं को भी बयानों को सोच-समझकर देने का संदेश भी दे दिया है।
NDA के घटक दलों में पनप रहा था अविश्वास
पार्टी के एक नेता भी कहते हैं कि BJP और JDU में जिस तरह कई नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे, उसको लेकर घटक दलों में अविश्वास के भाव पनप रहे थे। इस निर्णय से दोनों दलों में एकजुटता को मजबूती आएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले दो-तीन महीने में JDU और BJP के शीर्ष नेता एक-दूसरे के पक्ष में भले ही बयान दे रहे थे, मगर JDU के प्रशांत किशोर और पवन वर्मा सहित कई नेता BJP के शीर्ष नेताओं पर भी सियासी हमला करने से नहीं चूक रहे थे।
BJP नेताओं ने भी नीतीश पर साधा था निशाना
ऐसा नहीं कि ऐसे बयान केवल JDU नेताओं द्वारा ही दिए जा रहे थे। BJP के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और विधान पार्षद संजय पासवान सहित कई नेता भी थे, जो लगातार आने वाले चुनाव को लेकर नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद उम्मीदवार को लेकर ही सवाल उठा रहे थे। इस स्थिति में NDA के घटक दलों के संबंधों में जड़ता आ रही थी। JDU, BJP एवं LJP के दूसरे-तीसरे दर्जे के नेताओं में अज्ञात भय था। इस दौरान संदेश जा रहा था कि BJP-JDU में तालमेल ठीक नहीं है।
‘NDA के घटक दलों को संयम बरतना चाहिए’
पीके और पवन वर्मा को JDU से बाहर का रास्ता दिखाकर दोनों दलों के कार्यकर्ताओं को आपसी रिश्ते की गहराई समझा दी है। JDU के प्रवक्ता राजीव रंजन भी कहते हैं कि घटक दलों में आपसी बयानबाजी से गलत संदेश जाता है। इस कारण गठबंधन में शामिल घटक दलों को बयान देने में संयम बरतना चाहिए। गौरतलब है कि दिल्ली में भी BJP और JDU रणनीतिकारों ने गठबंधन कर बिहार के नेताओं और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि दोनों दलों में कोई भी मतभेद नहीं है।
कुछ दिन पहले ही इस निर्णय पर पहुंच गए थे नीतीश
बता दें कि वर्मा ने दिल्ली में BJP के साथ गठबंधन के विरोध में नीतीश को पत्र लिखा था। वर्मा BJP एवं केंद्र पर निशाना भी साध रहे थे। ऐसे में माना जा रहा था कि JDU दिल्ली में AAP के साथ खड़ा है। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुछ दिन पहले ही इस निर्णय पर पहुंच गए थे। उन्होंने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अभी वे जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर व्यस्त हैं और 19 जनवरी को मानव श्रृंखला आयोजन के बाद सभी लोगों के सभी प्रश्नों का उत्तर भी देंगे। उन्होंने 19 जनवरी के बाद एक ही निर्णय से सभी प्रश्नों का 'जवाब' देकर कई चुनौतियों को निपटा भी दिया।