नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन, जहाजरानी एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मैं न तो आरएसएस की पसंद हूं और न मैं प्रधानमंत्री बनने के सपने देखता हूं। बता दें कि गडकरी इंडिया टीवी के शो ‘आप की अदालत’ में रजत शर्मा के सवालों के जवाब दे रहे थे। इस सवाल के जवाब में कि यदि भाजपा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में बहुमत पाने में असफल रहती है, तो क्या वह प्रधानमंत्री पद के लिए RSS की पसंद होंगे, नितिन गडकरी ने कहा, ‘यह एक गलतफहमी है। मैं न आरएसएस की पसंद हूं और न मैं प्रधानमंत्री बनने के सपने देखता हूं। मैं बहुत लो प्रोफाइल, जमीन से जुड़ा हुआ सामाजिक कार्यकर्ता हूं। मैंने कभी किसी को अपना बायोडाटा नहीं दिया, न पोस्टर-कटआउट लगवाए। मेरा मानना है कि राजनीति सामाजिक सुधार का हथियार है और मैं देश के लिए काम करूंगा।’
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘मैं इस वक्त राजी-खुशी काम कर रहा हूं। मुझे जो कुछ अब तक मिला है, वह मेरी हैसियत और औकात से ज्यादा है। मुझमे न पीएम बनने की इच्छा है, ना मैं आरएसएस की चॉइस हूं। मैं आरएसएस का स्वयंसेवक हूं। कृपया मुझे इस विवाद में न डालिए। न मैं सपने देखता हूं, न मुझे प्रधानमंत्री बनना है।’
जब उनसे पूछा गया कि यदि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन होता है, तो भाजपा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में 80 में से 73 सीटें कैसे जीतेगी, गडकरी ने कहा, ‘राजनीति में कभी भी दो और दो चार नहीं होते हैं।’ जब उन्हें याद दिलाया गया कि उत्तर प्रदेश की तीन महत्वपूर्ण सीटों पर हुए उपचुनावों में भाजपा के उम्मीदवारों को हराने के लिए सपा और बसपा ने हाथ मिला लिए थे, गडकरी ने कहा, ‘ये उपचुनाव सिर्फ दो-तीन सीटों के लिए हुए थे। पूरे राज्य या देश में इतनी आसानी से अलायंस नहीं होते। इसमें बहुत से किंतु-परंतु होते हैं।’
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