मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस नेताओं के बीच मंगलवार को हुई बैठक के बाद भी यह तय नहीं हो पाया है कि वे सरकार बनाने के लिए शिवसेना के साथ गठबंधन करेंगे या नहीं। मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठक के बाद हुई साझा प्रेस वार्ता में कहा गया है शिवसेना के साथ गठबंधन पर आज फैसला नहीं हो सका है।
हालांकि दोनो ही पार्टियों ने एक सुर में कहा है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाना गलत है। बैठक में राष्ट्रवादी प्रमुख शरद पवार, प्रफुल पटेल तथा छगन भुज्जवल मौजूद थे जबकि कांग्रेस की तरफ से अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे तथा के सी वेणूगोपाल मौजूद थे।
कांग्रेस नेता प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि शिवसेना ने कांग्रेस के साथ अधिकृत संपर्क कल किया था। उन्होनें कहा कि अहम फैसला लेने से पहले ये जरुरी हैं की सभी बिंदूओं पर चर्चा होना जरुरी हैं। अहमद पटेल ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन पर कहा कि जिसतरह से राष्ट्रपति शासन की सिफारीश की गई मैं उसकी कडी आलोचना करता हूं। ये लोकतंत्र और संविधान का मजाक उडाने की कोशिश है। एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि हम जल्दबाजी में नहीं हैं। हम कांग्रेस के साथ चर्चा करेंगे और फिर शिवसेना का समर्थन करने के मुद्दे पर एक निर्णय लेंगे।
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 145 के बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। वहीं राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
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