नयी दिल्ली: पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के त्यागपत्र को बीजेपी और आप ने दलितों का अपमान बताया है। बीजेपी और आप ने दावा किया कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इसलिए पद से इस्तीफा दिया कि वह इस बात को स्वीकार नहीं कर पाए कि एक दलित को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया है। बीजेपी महासचिव तरूण चुघ ने कहा, "नवजोत सिद्धु के इस्तीफे के पीछे दलित परिवारों का अपमान है, सत्ता की भूख है। आपके अंदर हताशा है कि कैसे एक दलित सीएम बन गया। बीजेपी के दबाव में आपने दलित सीएम बनाया पर आप उसका अपमान कर रहे हैं। एससी सीएम सरकार नहीं चला सकता क्या? एससी सीएम अपना मंत्रिमंडल तय नहीं कर सकता? पंजाब को अस्थिर मत करिए। आप बाजवा को भाई और इमरान को अपना यार कहते हो।"
तरूण चुघ ने आगे कहा, "सिद्धू एक ऐसी मिसाइल है जो अपनों पर ही गिर रही है। बीजेपी ने सिद्धू को क्या-क्या नहीं दिया। खिलाड़ी को सांसद बनाया, पत्नी को मंत्री बनाया। कितनी भूख है आपको सत्ता की? क्या-क्या और कितना चाहिए आपको? आप विचार के साथ नहीं, आप सत्ता के साथ है। आपको सत्ता की हवस है।"
वहीं आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि नवजोत सिंह सिद्धू दलितों के खिलाफ हैं। एक गरीब बेटा मुख्यमंत्री बना। यह, सिद्धू बर्दाश्त नहीं कर सके। यह बहुत दुखद है।’’ पंजाब में आप मुख्य विपक्षी दल है। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा, ‘‘समझौता करने से व्यक्ति के चरित्र में गिरावट आती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से समझौता नहीं कर सकता।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘इसलिए मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं। कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा।’’
सिद्धू ने मंगलवार को पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। राज्य में अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा कि वह पार्टी की सेवा करते रहेंगे। वह इस वर्ष जुलाई में पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने थे। यह पता नहीं चल पाया है कि सिद्धू ने किन कारणों से पंजाब कांग्रेस प्रमुख का पद छोड़ा है।
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