नई दिल्ली. पंजाब कांग्रेस के लिए 'सिद्धू-कैप्टन' विवाद गली की फांस बनता दिखाई दे रहा है। आज सुबह पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह सोनिया-राहुल से बिना मिले पंजाब लौट गए, वो पिछले तीन दिनों से दिल्ली में थे। अब सिद्धू के इस हफ्ते दिल्ली आने की संभावना न के बराबर है। इसकी जानकारी सूत्रों ने दी।
इससे पहले कांग्रेस के नेता हरीश रावत ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कहा कि हमने नवजोत सिंह सिद्धू के मुद्दों का संज्ञान लिया है, बाकी मामला संगठन से संबंधित है। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक राजनीतिक सवालों के लिए समिति ने रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को दे दी है। 8-10 जुलाई तक कांग्रेस अध्यक्ष का निर्णय आ जाएगा। हरीश रावत ने ही जानकारी दी थी कि सिद्धू को दिल्ली बुलाया गया है।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने दिल्ली में कांग्रेस आला कमान के साथ बैठक की। उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, "मैं नहीं मानता कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कोई संघर्ष है। यह चिंतन कई मुद्दों को लेकर चल रहा है।"
सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब की अंतरआत्मा को जो सबसे बड़ा शूल की तरह चुभ रहा है वो मसला है गुरूग्रंथ साहब को चिथड़े-चिथड़े करके फाड़े जाने का और निहत्थे अनुआयियों पर गोली चलाकर उनका कत्ल किया जाना। उनके कातिल आज पंजाब में घूम रहे हैं। ये कांग्रेस को और पंजाब को विचलित कर रहा है।
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