चंडीगढ़। कांग्रेस पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपने सलाहकारों के बयानों की वजह से पार्टी के कई नेताओं के निसाने पर हैं लेकिन सोमवार को अपने सलाहकारों से मुलाकात के बाद सिद्धू ने उल्टे कैप्टन सरकार की नीतियों पर ही निसाना साधा और सलाहकारों की बयानबाजी पर कुछ नहीं कहा। गन्ना किसानों के मुद्दे को उठाते हुए सिद्धू ने पंजाब की कैप्टन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा पंजाब में गन्ने की खेती की लागत ज्यादा है लेकिन इसके बावजूद राज्य में गन्ना किसानों को उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा उत्तराखंड के मुकाबले गन्ने की कम कीमत दी जाती है। सिद्धू ने अपने ट्वीट संदेश में यह बयान दिया है।
अपने ट्वीट संदेश में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, गन्ना किसानों के मुद्दे का जल्द समाधान करने की जरूरत है, हैरानी है कि पंजाब में गन्ने की खेती की लागत ज्यादा है लेकिन पंजाब में किसानों के लिए सरकार की तरफ से निर्धारित किया गया गन्ने का भाव (SAP) उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा से कम है। कृषि के मुद्दों की मशाल उठाने वाले पंजाब गन्ने का SAP और अच्छा होना चाहिए।
इससे पहले सिद्धू ने अपने पटियाला स्थित आवास पर उन 2 सलाहकारों यानि मालविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग से मुलाकात की है जिनके बयान और सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से वे कांग्रेस नेताओं के ही निशाने पर हैं। संभावना थी कि सिद्धू अपने सलाहकारों के बयान को लेकर कोई स्टेटमेंट जारी कर सकते थे, लेकिन ऐसा करने के बजाय उन्होंने उल्टे कैप्टन सरकार की नीतियों पर ही निशाना साधा है। सिद्धू के सलाहकारों के विरोध में कांग्रेस नेता और पंजाब से सांसद मनीष तिवारी ने सख्त टिप्पणी की है, उन्होंने कहा है कि ऐसे लोग पार्टी तो छोड़िए, देश में भी रहने के लायक नहीं हैं।
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