नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) को 249.15 करोड़ रुपये के आयकर मामले में 10 करोड़ रुपये जमा करने का सोमवार को आदेश दिया है। इस कंपनी के अधिकांश शेयर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के पास हैं। न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति ए.के. चावला की पीठ ने 31 मार्च से पहले आयकर विभाग को आधी रकम और बाकी राशि 15 अप्रैल तक जमा करने को कहा है।
उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग को निर्देश दिया कि वह 249.15 करोड़ रुपये की मांग पर दबाव न बनाए। अदालत ने याचिका पर आयकर विभाग से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल तय कर दी।
कंपनी ने अदालत से समीक्षा वर्ष 2011-12 के लिए आयकर अधिनियम की धारा 156 के तहत 249.15 करोड़ रुपये की कर और ब्याज वसूली के लिए 27 दिसंबर को जारी की गई नोटिस पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। कंपनी ने कहा कि वह एक चैरिटेबल संस्था है और इसकी कोई आय नहीं है और आयकर विभाग ने गलत तरीके से समीक्षा वर्ष 2011-12 के लिए 249 करोड़ रुपये की मांग की है।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने वाईआई द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। एजेएल नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी थी। वाईआई कंपनी में सोनिया गांधी व राहुल गांधी के पास 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है।
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