...जब उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अचानक पहुंचे 'मोदी'!
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ता उस समय हक्के-बक्के रह गए जब उन्होंने अचानक 'नरेंद्र मोदी' को परिसर में टहलते हुए पाया।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ता उस समय हक्के-बक्के रह गए जब उन्होंने अचानक 'नरेंद्र मोदी' को परिसर में टहलते हुए पाया। हालांकि जल्द ही उन्हें अहसास हो गया कि ये प्रधानमंत्री नहीं बल्कि उनकी तरह दिखने वाला कोई दूसरा शख्स है। था भी ऐसा ही, वो कोई और नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी की तरह दिखने वाले और उनके समर्थक अभिनंदन पाठक थे।
अभिनंदन पाठक काफी हद तक पीएम मोदी से मिलते हैं। 2014 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के लिए प्रचार किया था। मगर इस बार वो बीजेपी से खासे खफा हैं और कह रहे हैं कि 2019 में वो कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार कर सकते हैं।
अभिनंदन पाठक ने लखनऊ में कांग्रेस दफ्तर में पहुंचकर पार्टी ज्वॉइन करने की मंशा जताई है। अभिनंदन ने यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर से भी मुलाकात की। बताया जा रहा है कि कभी पीएम मोदी के समर्थक रहे अभिनंदन पाठक इन दिनों बीजेपी से खासे खफा हैं।
पाठक कहते हैं, 'मैं पीएम मोदी का प्रशंसक हूं। वह मुझसे मिले थे और मुझे गले लगाया था। पर, उनकी सरकार अपने वादों को पूरा करने में फेल रही है। यही वजह है कि मैंने अब बीजेपी के खिलाफ चुनाव प्रचार का निर्णय लिया है। मैंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर से अपील की है कि वह पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मेरी मुलाकात कराएं ताकि मैं उन्हें अपनी इच्छा बता सकूं।'
मोदी का हमशक्ल उनकी पार्टी से इतना खफा है कि कांग्रेस के लिए प्रचार करने को आमादा है, लेकिन शर्त यह है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी उन्हें पार्टी में जगह दें। अभिनंदन पाठक भले ही बीजेपी से खफा हों लेकिन पीएम मोदी के प्रति सम्मान में कोई कमी नहीं है। वह पीएम मोदी के खिलाफ एक भी शब्द बोलने को तैयार नहीं लेकिन बीजेपी का नाम आते ही उनका चेहरा तमतमा जाता है।
सहारनपुर निवासी अभिनंदन पाठक ने बताया कि इसके पहले चुनाव प्रचारों में बीजेपी ने उनका खूब उपयोग किया। 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव और 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी की रैलियों में वह आकर्षण का केंद्र बने रहे। पाठक 1999 में लोकसभा और 2012 में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। इसके अलावा वह सहारनपुर में दो बार पार्षद के रूप में भी राजनीतिक पारी खेल चुके हैं।