आपातकाल के खिलाफ खड़े होने वालों को PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने किया सलाम
इस मौके पर बीते दिनों को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि तब अधिनायकवाद पर लोकतंत्र की जीत हुई थी।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में आज ही के दिन लगाए गए आपातकाल का विरोध करने वाले सभी महान लोगों को मंगलवार को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर बीते दिनों को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि तब अधिनायकवाद पर लोकतंत्र की जीत हुई थी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘भारत बेहद कड़ाई से और निडर होकर आपातकाल का विरोध करने वाले महान लोगों को सलाम करता है। अधिनायकवादी सोच पर भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत हुई।’
जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर बोला हमला
बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने ट्वीट किया है कि आपातकाल का वक्त ‘काला धब्बा है।’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘1975 में, आज ही के दिन, कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में बने रहने के लिए लोकतंत्र की हत्या कर दी थी। कृतज्ञ राष्ट्र आपातकाल के विरोध में आंदोलन चलाने वाले भारतीय जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हजारों कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देता है।’
राजनाथ सिंह ने बताया काला अध्याय
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्विटर के माध्यम से अपने विचार रखे हैं कि कैसे आपातकात भारत के इतिहास का काला अध्याय है। उन्होंने लिखा है, ‘25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा और उसके बाद की घटनाएं भारतीय इतिहास के सबसे खराब अध्यायों में से एक है। आज के दिन, हम भारतीयों को अपनी संस्थाओं और संविधान की सम्प्रभुता बनाए रखने के महत्व को समझना चाहिए।’
अमित शाह ने प्रेस पर हुए हमले को किया याद
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने याद किया कि कैसे अखबारों को बंद कर दिया गया था और देश के नागरिकों से उनके मौलिक अधिकार छीन लिए गए थे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘लाखों देशभक्तों ने देश में लोकतंत्र की पुन:बहाली के लिए कष्ट उठाए। मैं उन सभी सिपाहियों को सलाम करता हूं।’
येचुरी ने कहा- आज हालात बदतर
वहीं, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने आपातकाल के दौरान किए गए संघर्षों को याद किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज सेक्युलर डेमोक्रेसी हो रहे हमले से लड़ने के लिए 1975 की तुलना में एक मजबूत संकल्प की आवश्यकता है। यह हमला उन लोगों द्वारा किया जा रहा है जो यह नहीं मानते कि भारत सबका है। लेकिन यह सभी भारतीयों के लिए है, चाहे वे किसी भी धर्म या पंथ को मानने वाले (या नहीं) हों। #Emergency #SecularDemocracy’।
आपको बता दें कि देश में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 25 जून, 1975 से लेकर 21 मार्च, 1977 तक आपातकाल लागू रहा था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुचछेद 352 के अधीन देश में आपातकाल की घोषणा की थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद काल था।