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नड्डा ने ममता बनर्जी पर संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करने का आरोप लगाया

बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आरोप लगाया कि चक्रवात यास से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नदारद रहीं और ऐसा करके उन्होंने संवैधानिक मर्यादाओं और सहकारी संघवाद की हत्या की है।

Nadda accuses Mamata Banerjee of 'murder' of constitutional ethos- India TV Hindi Image Source : PTI नड्डा ने आरोप लगाया कि PM मोदी की बैठक से ममता नदारद रहकर संवैधानिक मर्यादाओं की हत्या की है।

नयी दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आरोप लगाया कि चक्रवात यास से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नदारद रहीं और ऐसा करके उन्होंने संवैधानिक मर्यादाओं और सहकारी संघवाद की हत्या की है। नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सहकारी संघवाद के सिद्धांतों को बहुत पवित्र मानते हुए उसका पालन करते हैं और लोगों को राहत देने के लिए दलगत भावना को पीछे छोड़ सभी मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर सक्रियता से काम कर रहे हैं लेकिन अप्रत्याशित तरीके से ममता बनर्जी की नीति एवं क्षुद्र राजनीति ने एक बार फिर बंगाल के लोगों को परेशान किया है। 

नड्डा ने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवात यास के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं तो उचित होता कि ममता जी लोगों के कल्याण के लिए अपने अहम को विसर्जित कर देतीं। प्रधानमंत्री की बैठक से उनका नदारद होना संवैधानिक मर्यादाओं और सहकारी संघवाद की हत्या है।’’ प्रधानमंत्री ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के चक्रवात यास से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। ममता बनर्जी ने राज्य में चक्रवाती तूफान यास से हुए नुकसान पर प्रधानमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपी और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की। 

मोदी चक्रवात के बाद की स्थिति की समीक्षा करने के लिए दिन में पहले ओडिशा गए और फिर पश्चिम बंगाल गए। बनर्जी ने दावा किया कि चक्रवाती तूफान से राज्य को 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दीघा में आयोजित एक प्रशासनिक बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘‘हमने दीघा और सुंदरबन के पुनर्विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की है। यह भी हो सकता है कि हमें कुछ न मिले।’’ 

एक अधिकारी ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच यह बैठक लगभग 15 मिनट चली। बता दें कि पिछले कुछ सालों में ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के रिश्तों में कड़वाहट आई है। मुख्यमंत्री केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का अक्सर आरोप लगाती रही हैं जबकि भाजपा उनके आरोपों को खारिज करती रही है। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी और बनर्जी के बयानों में बेहद तल्खी देखी गई थी। 

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