श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वर्ष 2019 के आम चुनावों में भाजपा के सत्ता में वापसी करने का संकेत देते हुए यह कहा है कि विपक्षी एकता का मिथक महज कोरी कल्पना है। उमर ने ट्विटर पर लिखा, विपक्षी एकता के मिथक ने बाकायदा यही दिखाया है कि यह सिर्फ एक कोरी कल्पना है। वर्ष 2019 में इसमें से प्रत्येक खुद के लिये एक होंगे और भाजपा को पांच साल का और मौका मिलेगा। ये भी पढ़ें: नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी, सरकार जल्द ही ले सकती है यह बड़ा फैसला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष गुजरात राज्यसभा चुनावों में हो रहे घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार एवं पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वासपात्र अहमद पटेल ऊपरी सदन में पांचवे कार्यकाल के लिये चुनाव लड़ रहे हैं। उमर ने कहा, मुझे याद नहीं कि पिछली बार के राज्यसभा चुनाव की घटना इतनी ध्यान आकर्षित करने वाली कब थी। इस बार का चुनाव वाकई में दिलचस्प है।
उमर ने उम्मीद जतायी कि कांग्रेस में ऐसे लोग हैं जो जयराम रमेश सरीखे लोगों के विचारों पर ध्यान देंगे। जयराम रमेश ने स्वीकारा था कि पार्टी संकट में है। उमर ने कहा, मुझो उम्मीद है कि बेहद पुरानी पार्टी कांग्रेस जागेगी और जयराम जो कह रहे हैं उस पर गौर करेगी। उनके विचारों को खारिज करना अदूरदर्शिता होगा। रमेश ने कहा था, मैं यही कहूंगा कि कांग्रेस अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है। यह चुनावी संकट नहीं है। पार्टी वाकई में गहरे संकट में है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए यह सोचना गलत रहा कि मोदी नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर अपने आप चुनावों में भाजपा शासित राज्यों में काम करेगी। कांग्रेस नेता ने कहा, हमें समझना होगा कि हम श्री मोदी, श्री शाह के विरोध में हैं और वे अलग सोचते हैं, अलग करते हैं और अगर हम अपने दृष्टिकोण में लचीले नहीं हुए तो साफ कहूं हम अप्रासंगिक हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को यह भी मानना होगा कि भारत बदला है। उन्होंने कहा, पुराने नारे काम नहीं करते, पुराना फार्मूला काम नहीं करता, पुराना मंत्र काम नहीं करता। भारत बदल गया है, कांग्रेस पार्टी को बदलना होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष पद संभालने को लेकर जारी अनिश्चितता को जल्द से जल्द दूर करेंगे ताकि 2018 में राज्यों के विधानसभा चुनाव और उसके अगले साल लोकसभा के चुनाव में जोरदार चुनौती पेश करने की तैयारी की जा सके। यह अनिश्चितता नुकसानदेह साबित होगी।
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