लखनऊ: जाने-माने उर्दू शायर मुनव्वर राणा ने कहा है कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने मुसलमानों को विभाजित कर दिया है। पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के साथ ओवैसी की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय भारत में एक और जिन्ना को पनपने नहीं देगा। 67 वर्षीय मुनव्वर राना बिहार चुनाव में एआईएमआईएम की पांच सीटों पर जीत पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कई सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने विपक्ष के वोट काटे। उन्होंने कहा, एआईएमआईएम नेता हमेशा मुस्लिम वोटों को विभाजित करते हैं जो अंत में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को फायदा पहुंचाता है।
शायर ने कहा, ओवैसी भाजपा का एजेंट है और हमेशा वोट डिवाइडर के रूप में काम करता रहा है। असदुद्दीन और उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी दोनों ही मेरे लिए गुंडे हैं, मुसलमानों को गुमराह करते हैं, विशेष रूप से युवाओं को और मुस्लिमों में विभाजन पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि ओवैसी को अपनी 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बचानी है, जिसमें मेडिकल कॉलेज, जमीन और अन्य व्यवसाय शामिल हैं।
राणा ने कहा, बिहार में सीमांचल के लिए, जो कि एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, ओवैसी को तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन से एनडीए को बाहर करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए था। लेकिन इसके बजाय उन्होंने अपने हितों की रक्षा के लिए भाजपा की मदद ली। उन वोटों और सीटों से बिहार की राजनीति की पूरी तस्वीर बदल सकती थी। उन्होंने आगे कहा, बिहार में पांच सीटें जीतकर ओवैसी मुसलमानों का क्या कल्याण करेंगे या न्याय करेंगे? असदुद्दीन के लिए, यूपी-बिहार उनके निहित स्वार्थ के लिए एक दूध देने वाली गाय है। इस क्षेत्र की 'गंगा जमुनी तहजीब' अभी भी उसके लिए एक दूर की सोच है।
राणा ने कहा कि वो असदुद्दीन को तब से जानते हैं जब वो एक किशोर थे। मुनव्वर राना ने कहा कि बिहार के बाद, ओवैसी अब बंगाली मुस्लिम वोटों को विभाजित करने के लिए पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ रहे हैं, जबकि अमित शाह बंगाली हिंदू वोटों का विभाजन करेंगे। उन्होंने कहा, मरने से पहले, मैं मुसलमानों, खासकर युवाओं की मदद करना चाहता हूं, ताकि असली अपराधियों की पहचान की जा सके जो उन्हें नष्ट कर रहे हैं और उन्हें विभाजित कर रहे हैं। इस राष्ट्र की सुंदरता विविधता में है और इससे समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
मुनव्वर राणा पर इस महीने की शुरूआत में, लखनऊ पुलिस ने फ्रांस में हुई हत्याओं पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। राना ने कहा था कि पैगंबर मोहम्मद के कार्टून बनाना और उस पर हत्याएं करना, दोनों गलत है। लेकिन उन्होंने कहा कि वो भी ऐसा ही करते अगर वो वहां होते।
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