लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद सदस्यों को मनोनीत करने के मामले पर राज्यपाल से उभरे विवाद को सुलझाने का जिम्मा अब सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपने हाथों में ले लिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी के चलते वह गुरुवार को प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक से मिलने पहुंचे। दोनों के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत चली। मुलायम सिंह के इस कदम को 'डैमेज कंट्रोल' का प्रयास बताया जा रहा है। राज्य सरकार ने राज्यपाल को विधानपरिषद सदस्यों को मनोनीत करने के लिए नौ लोगों की सूची भेजी थी, जिस पर राज्यपाल ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव फिलहाल विदेश दौरे पर हैं। इसीलिए विधान परिषद सदस्यों की सूची पर विवाद को बढ़ते देख आज (गुरुवार) मुलायम सिंह यादव स्वयं ही राज्यपाल से मिलने पहुंच गए।
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के 29 या 30 मई तक विदेश दौरे से लौट आने की संभावना है। मुमकिन है कि उनके वापस लौटने के बाद विधान परिषद सदस्यों को मनोनीत करने की इस सूची में बदलाव हो।
सपा के अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह पूर्वाह्न करीब 11़ 30 बजे राजभवन पहुंचे। राजभवन में उनके और राज्यपाल राम नाइक के बीच करीब 45 मिनट तक वार्ता चली।
माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सपा के जिन नौ नेताओं को विधान परिषद के लिए नामित किया है, उनकी सूची के संबंध में ही मुलायम सिंह यादव राज्यपाल से मिले हैं।
राज्यपाल राम नाइक ने नौ नेताओं की सूची पर प्रदेश सरकार से इनकी योग्यताओं को लेकर जवाब तलब किया था। विधान परिषद के सदस्यों के नाम पर पेंच फंसते देख मुलायम सिंह यादव आज (गुरुवार) अचानक ही राजभवन पहुंच गए।
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