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Hindi News भारत राजनीति ‘भाजपा के साथ के बिना सफलता का स्वाद नहीं चख पाती तृणमूल कांग्रेस’

‘भाजपा के साथ के बिना सफलता का स्वाद नहीं चख पाती तृणमूल कांग्रेस’

भाजपा में शामिल होने की संभावना के सवाल पर राय ने कहा, मैं इस पर टिप्पणी नहीं करुंगा। राय इस सप्ताह के अंत में दिल्ली जा सकते हैं और राज्यसभा से तथा तृणमूल कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। एक समय तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के

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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद मुकुल राय ने भाजपा को धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस अपने शुरूआती सालों में राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के समर्थन के बिना सफलता का स्वाद नहीं चख सकती थी। राय ने यहां संवाददाताओं से कहा, मैं भाजपा को सांप्रदायिक ताकत नहीं मानता। यह एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। अगर यह सांप्रदायिक पार्टी होती तो चुनाव आयोग इसे मान्यता नहीं देता। जब तृणमूल कांग्रेस का गठन किया गया था तो उसने भाजपा के साथ गठबंधन बनाया था। 1998 से 2006 तक गठबंधन रहा और इस दौरान 2001 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान बस कुछ महीने तक गठजोड़ नहीं रहा। ये भी पढ़ें: हनीप्रीत की गिरफ्तारी एक बड़ी चाल, जेल से छूटेगा राम रहीम!

उन्होंने कहा, उस समय कोई भाजपा को सांप्रदायिक पार्टी नहीं कहता था। तो अचानक से कैसे आपका रुख बदल गया ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे मुकुल राय ने कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस को शुरूआती सालों में भाजपा का साथ नहीं मिला होता तो यह सफलता का स्वाद नहीं चख पाती। उन्होंने कहा, भाजपा के साथ गठबंधन से ही तृणमूल कांग्रेस को शुरूआत के सालों में सफलता में मदद मिली, चाहे 1998 या 1999 के लोकसभा चुनाव हों।

भाजपा में शामिल होने की संभावना के सवाल पर राय ने कहा, मैं इस पर टिप्पणी नहीं करुंगा। राय इस सप्ताह के अंत में दिल्ली जा सकते हैं और राज्यसभा से तथा तृणमूल कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। एक समय तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के बाद दूसरे नंबर पर रहे राय को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।

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