नयी दिल्ली: जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 जून को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित किए गए चार पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित 14 नेताओं में से अधिकतर नयी दिल्ली पहुंच गए हैं। वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद से यह केंद्र और जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओं के बीच पहली बैठक है। होने जा रही इस बैठक के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया गया है और जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने कहा कि वे खुले मन से इसमें शामिल होंगे।
गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के प्रवक्ता एवं माकपा नेता यूसुफ तारिगामी ने कहा, ‘‘हमें कोई एजेंडा नहीं दिया गया है। हम बैठक में यह जानने के लिए शामिल होंगे कि केंद्र क्या पेशकश कर रहा है।’’ तारिगामी उन 14 नेताओं में शामिल हैं जिन्हें प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में आमंत्रित किया गया है।
अन्य आमंत्रित नेताओं में चार पूर्व मुख्यमंत्री-फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं। कम्युनिस्ट नेता ने कहा कि पीएजीडी ‘‘वहां जम्मू कश्मीर के लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए होगा।’’
इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पार्टी के भीतर चर्चाओं का दौरा जारी रखा और देवेंद्र राणा के नेतृत्व में जम्मू के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से बुधवार को उनके आवास पर मिला। राणा ने कहा, ‘‘हमारा एकमात्र उद्देश्य एकल जम्मू कश्मीर, इसकी एकता एवं अखंडता को बरकरार रखने और जम्मू कश्मीर के लोगों की इच्छाओं तथा आकांक्षाओं को पूरा करने का है।’’
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