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Hindi News भारत राजनीति मॉनसून सत्र: पीएम मोदी ने राजनीतिक दलों का मांगा सहयोग, सकारात्मक चर्चा की जताई उम्मीद

मॉनसून सत्र: पीएम मोदी ने राजनीतिक दलों का मांगा सहयोग, सकारात्मक चर्चा की जताई उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र में कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिये सभी दलों से सहयोग की अपील की है। 

Monsoon Session: PM seeks cooperation of all parties, Opposition plans to train guns on govt- India TV Hindi Image Source : PTI Monsoon Session: PM seeks cooperation of all parties, Opposition plans to train guns on govt

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र में कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिये सभी दलों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि  सरकार सभी राजनीतिक दलों द्वारा उठाये गए मुद्दों को काफी महत्व देती है। पीएम ने उम्मीद जताई कि सत्र के दौरान सभी राजनीतिक दल राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर सकारात्मक चर्चा करेंगे। 

बुधवार से शुरू संसद के मानसून सत्र से पहले सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से राष्ट्र के हित को देखते हुए मानसूत्र सत्र में सकारात्मक माहौल कायम करने का सामूहिक प्रयास करने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा, ‘‘सरकार सभी राजनीतिक दलों द्वारा उठाये जाने वाले मुद्दों को काफी महत्व देती है।’’ उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी राजनीतिक दल संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेंगे और राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर सार्थक चर्चा करेंगे। 

सकारात्मक चर्चा की उम्मीद
सरकार ने दावा किया कि विपक्षी दलों ने संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग का आश्वासन दिया है। संसद भवन के ज्ञानपीठ में हुई बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने संसद के सुचारू और सार्थक सत्र के लिये सभी राजनीतिक दलों का सहयोग मांगा है। लोग उम्मीद करते हैं कि संसद में कामकाज हो और हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए।’’ 

उन्होंने कहा कि देश के लोग चाहते हैं कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और सरकार ने सभी राजनीतिक दलों विशेष तौर पर विपक्ष से बिना किसी अवरोध के सार्थक कार्यवाही सुनिश्चित करने में सहयोग का आग्रह किया है। कुमार ने कहा कि सभी राजनीति दल मानसून सत्र में सार्थक कामकाज के पक्ष में है। सरकार नियमों के तहत किसी भी विषय पर चर्चा कराने को तैयार है। सरकार संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ेगी। 

18 जुलाई से 10 अगस्त तक चलेगी संसदी कार्यवाही
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि संसद की कार्यवाही 18 जुलाई से शुरू होगी और यह 10 अगस्त तक चलेगी । मानसूत्र सत्र के दौरान 18 बैठकें होंगी । इस दौरान 46 विधेयकों पर विचार किया जाएगा और 2 वित्तीय कामकाज होंगे। 

बैठक के दौरान विपक्षी दलों ने उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को आरक्षण नहीं प्रदान करने के विषय को उठाया। 
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा, ‘‘जब तक सरकार उच्च शिक्षा में अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आरक्षण लागू करने का सदन में आश्वासन नहीं देती है तब तक हम सदन नहीं चलने देंगे।’’ आप नेता संजय सिंह ने दिल्ली की आप सरकार के साथ कथित भेदभाव के विषय को उठाया।
 
तीन तलाक विधेयक सरकार की शीर्ष प्राथमिकता
तीन तलाक विधेयक सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। यह विधेयक लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में लंबित है । सरकार का जोर अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित विधेयक को पारित कराने पर भी है। सरकार के एजेंडे में मेडिकल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग विधेयक और ट्रांसजेंडर के अधिकारों से जुड़ा विधेयक भी है ।
 
इन विधेयकों को पास कराना चाहती है सरकार
मानसून सत्र के दौरान आपराधिक कानून संशोधन विधेयक 2018 भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इसमें 12 साल से कम आयु की लड़कियों से बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, सार्वजनिक परिसर से अनधिकृत कब्जे को हटाने संबंधी संशोधन विधेयक 2017, दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक 2017, जन प्रतिनिधि संशोधन विधेयक 2017, नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट अमेंडमेंट विधेयक, नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र विधेयक 2018, भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक 2018 को भी चर्चा एवं पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। 

सत्र के दौरान चर्चा के लिए नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक, महत्वपूर्ण बंदरगाह प्राधिकार विधेयक 2016, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विधेयक 2017, भ्रष्टाचार रोकथाम संशोधन विधेयक 2013 को भी एजेंडे में रखा गया है। भ्रष्टाचार रोकथाम संशोधन विधेयक 19 अगस्त 2013 को राज्यसभा में पेश किया गया था । बाद में इसे प्रवर समिति को भेजा गया जिसने 12 अगस्त 2016 को राज्यसभा में रिपोर्ट पेश की थी । यह विधेयक राज्यसभा में पास होने के बाद लोकसभा में पेश किया जा सकता है। 

इसके साथ ही जीएसटी से संबंधित कुछ संशोधन विधेयक को पेश करने के लिए संभावित एजेंडे की सूची में रखा गया है। सत्र के दौरान मानवाधिकार सुरक्षा संशोधन विधेयक, सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक तथा डीएनए प्रौद्योगिकी का उपयोग नियामक विधेयक, बांध सुरक्षा विधेयक, मानव तस्करी रोकथाम, सुरक्षा एवं पुनर्वास विधेयक को विचार एवं पारित कराने के लिए पेश किया जा सकता है। मानसून सत्र के दौरान एक महत्वपूर्ण विषय राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव से संबंधित भी है। साथ ही, वित्त वर्ष 2018-19 के अनुदान की अनुपूरक मांग के पहले बैच एवं संबंधित विनियोग विधेयक को चर्चा, मतदान एवं पारित होने के लिए पेश किया जा सकता है। 

विपक्ष इन मुद्दों को उठा सकता है 
सत्र के दौरान विपक्ष जम्मू कश्मीर की स्थिति, पीडीपी-भाजपा सरकार गिरने एवं आतंकवाद जैसे मुद्दे उठा सकता है। किसान, दलित उत्पीड़न, राम मंदिर, डालर के मुकाबले रूपये की दर में गिरावट, पेट्रो पदार्थों की कीमतों में वृद्धि जैसे मसलों पर भी विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगा । एक महत्वपूर्ण विषय आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने का भी हो सकता है जिसके कारण पिछले सत्र में तेलुगु देशम पार्टी ने भारी हंगामा किया था। (भाषा)

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