संसद का मॉनसून सत्र: किसानों के मुद्दे पर विपक्ष का लोकसभा से वाकआउट
खड़गे ने भी अपनी बात कहना जारी रखा। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, हल्ला-गुल्ला से किसी बात का निष्कर्ष नहीं निकलता। पूरी चर्चा होगी और सभी को पूरा मौका मिलेगा। हालांकि विपक्षी सदस्यों ने असंतोष प्रकट किया और नारेबाजी करते हुए उन्होंने सदन से वाकआउट कि
नयी दिल्ली: लोकसभा में आज कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों और राजद के सदस्यों ने देश में किसानों की समस्याओं के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा इस विषय पर नियम 193 के तहत अलग से चर्चा कराने की बात कहे जाने के बाद भी विपक्ष ने असंतोष जताते हुए सदन से वाकआउट किया। सदन में आवश्यक दस्तावेज रखवाने के बाद जब अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शून्यकाल शुरू करने का निर्देश दिया तभी सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश में किसानों की समस्या के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया। हालांकि स्पीकर ने उन्हें आज के एजेंडे के अनुरूप प्रस्तावित नियम-193 के तहत देश में खेती के विषय पर होने वाली चर्चा में इस विषय को उठाने को कहा। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
बहरहाल खड़गे अपनी बात कहते रहे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में किसान बड़ी संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने किसानों की कर्ज माफी और उन्हें लागत पर 50 प्रतिशत वृद्धि के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य :एमएसपी: दिये जाने की मांग की। इस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के मुद्दे को प्राथमिकता के साथ देख रही है और उसने ही फसल बीमा योजना जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष समेत सभी सदस्य नियम 193 के तहत चर्चा कर लें। सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है। कुमार ने कहा कि जब विपक्षी दलों ने भी सरकार के साथ आज नियम 193 के तहत चर्चा करना तय किया है तो सभी को उस समय इसमें भाग लेना चाहिए। हालांकि कांग्रेस, वाम दल और राजद समेत विपक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर अपनी बात रखते रहे।
खड़गे ने भी अपनी बात कहना जारी रखा। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, हल्ला-गुल्ला से किसी बात का निष्कर्ष नहीं निकलता। पूरी चर्चा होगी और सभी को पूरा मौका मिलेगा। हालांकि विपक्षी सदस्यों ने असंतोष प्रकट किया और नारेबाजी करते हुए उन्होंने सदन से वाकआउट किया।
वहीं हंगामे के बीच राज्यसभा में सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने सांसदों की वेतन बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमारी सैलरी हमारे सचिव से भी कम है और सांसदों को सातवें वेतन आयोग के साथ जोड़ दीजिए। वहीं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हिंदुस्तान में सांसदों को जितना अपमानित किया जाता है, उतना कहीं नहीं किया जाता क्योंकि यहां लोग कहते हैं कि हम अपनी सैलरी खुद बढ़ाते हैं।
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